पटना: अगली शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) फरवरी-मार्च में होगी. शिक्षा विभाग ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी. इसमें बीएड डिग्रीधारियों को ही शामिल होने का मौका मिल सकेगा. हालांकि, सरकार ने बीएड की अंतिम साल की परीक्षा दे चुके आवेदकों को भी मौका देने का निर्णय लिया है. पटना हाइकोर्ट में सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि 31 मार्च, 2015 तक टीइटी का आयोजन कर लिया जायेगा. इसलिए अब इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. टीइटी में पास होने के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा. 150 अंकों की परीक्षा होगी.
पिछड़ा, अति पिछड़ा एवं सामान्य कोटि की महिला उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक लाना होगा. अनुसूचित जाति और जनजाति एवं नि:शक्त कोटि के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम पचास प्रतिशत अंक लाने की अनिवार्यता होगी. इसके तहत 150 में 82 अंक लानेवाले उम्मीदवार उत्तीर्ण नहीं माने जायेंगे. पास करने के लिए आवेदकों को हर हाल में 83 अंक लाने होंगे. परीक्षा आयोजित करने के लिए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखा है. अधिसूचना के मुताबिक बीएड के रिजल्ट का इंतजार कर रहे शिक्षक अभ्यर्थी भी टीइटी के लिए आवेदन कर सकते हैं.
जिन अभ्यर्थियों को किसी कारण से रिजल्ट नहीं मिला है या नहीं निकला है, वे भी टीइटी का फॉर्म भर सकते हैं. पहले यह प्रावधान था कि सिर्फ बीएड पास अभ्यर्थी ही इसका फॉर्म भर सकते हैं. लेकिन, बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं, जिनका रिजल्ट नहीं निकला है. इस वजह से शिक्षा विभाग ने यह प्रावधान किया है. ऐसे छात्रों को अपने संस्थान के प्राचार्य के माध्यम से आवेदन दे सकेंगे.
टीइटी में दो पेपर होंगे. पहले में हिंदी, उर्दू एवं बांग्ला विषयों की परीक्षा ली जायेगी. दूसरे में विषय के अनुसार परीक्षा देनी होगी. परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम उम्र पहले पत्र के लिए 18 और दूसरे पत्र के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गयी है. आवेदनकर्ताओं को उस भाषा और विषय की परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा जिस विषय और भाषा ग्रुप में वह नियुक्ति के लिए योग्यता रखते होंगे. उर्दू के लिए पहले पत्र में मौलवी या इंटरमीडिएट में न्यूनतम 50 अंकों से उर्दू विषय में पास होना अनिवार्य होगा. दूसरे पत्र में आलिम या स्नातक स्तर पर न्यूनतम 50 अंकों का उर्दू विषय की परीक्षा पास करना अनिवार्य किया गया है. इस परीक्षा में शामिल होने के लिए पूर्व के नियोजित शिक्षक, जो नियोजित हों, उन्हें अपने नियोक्ता के माध्यम से आवेदन करना होगा. बीसीए डिग्रीधारी आवेदकों को गणित विषय ग्रुप में परीक्षा देने की छूट होगी. प्रारंभिक विषयों में कक्षा एक से पांच तथा मध्य विद्यालयों में कक्षा छह से आठ में नियोजन के लिए न्यूनतम योग्यता भी निर्धारित कर दी गयी है.