जदयू-राजद नेता को इस बात का अंदेशा है कि मांझी इस वोट बैंक से महादलितों को निकाल कर अपना वोट बैंक बना लें. सीएम ने क्या कर दिया कि लोगों को उनसे शिकायत होने लगी. मांझी को बिहार की सत्ता के शीर्ष पर महादलित समाज की पीड़ा उनके वर्षो पुराने घाव पर मरहम की तरह है. मांझी के बयान को विमर्श के रूप में लेना चाहिए.
मांझी का यह कहना कि अगला मुख्यमंत्री दलित ही होगा, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. बथानी टोला, लक्ष्मणपुर बाथे व मियांपुर जनसंहार के बाद शंकर बिगहा नरसंहार मामले में आरोपितों को बरी कर दिया गया है. वर्तमान सरकार या पूर्ववर्ती सरकार ने कभी यह कोशिश नहीं कि नरसंहार के पीड़ितों को इंसाफ मिले.