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अगस्त से अब तक प्रतिलीटर 14 रुपये कम हुआ पेट्रोल, ऑटोवालों को 200 का फायदा, हमें कुछ भी नहीं

पटना: पेट्रोल की कीमत लगातार घट रही है, लेकिन अभी तक ऑटो किराये में कोई कमी नहीं आयी है. आम आदमी पहले भी यूनियन के रहमोकरम पर थे. अभी भी उसी के आसरे पर हैं. पिछले छह महीने में नौ बार कीमत करीब 14 रुपये तक घटी, लेकिन किराया पर कोई खास असर नहीं पड़ा. […]

पटना: पेट्रोल की कीमत लगातार घट रही है, लेकिन अभी तक ऑटो किराये में कोई कमी नहीं आयी है. आम आदमी पहले भी यूनियन के रहमोकरम पर थे. अभी भी उसी के आसरे पर हैं. पिछले छह महीने में नौ बार कीमत करीब 14 रुपये तक घटी, लेकिन किराया पर कोई खास असर नहीं पड़ा. ऑटो के कुछ यूनियन ने तो घटाने का दावा किया, लेकिन घोषणा का कुछ खास असर नहीं दिखा. कई यूनियन में बंटे ऑटो वालों ने किराया घटाने के नाम पर पिछले साल खूब ड्रामा भी किया, लेकिन किराया एक भी रूट पर नहीं घटा. प्रभात खबर ने इस मसले पर पड़ताल की.
ऐसे समङों ऑटोवालों को हो रहे फायदे के गणित को उदाहरण के तौर पर पटना जंकशन
से कुर्जी रूट लगभग 10 किमी है. यदि एक ऑटो वाला दस चक्कर तय यानी 200 किमी दूरी तय करता है,तो उसे लगभग 280 रुपये की बचत हो रही है. एक ऑटो यदि 10 किमी प्रतिलीटर का भी माइलेज देता है, तो 1 अगस्त को चालक 20 लीटर पेट्रोल भरवाता था. एक अगस्त को पटना में पेट्रोल की कीमत 80.12 रुपये थी. इस हिसाब से रोज 1600 रुपये लग रहे थे. अभी पेट्रोल की दर 66 रुपये है यानी अभी 1320 रुपये पेट्रोल के मद में खर्च करना पड़ रहा है. इस तरह 280 रुपये रोज बचत हो रही है, लेकिन इसका फायदा आम आदमी को एक रुपये भी नहीं मिल रहा है. यदि आंकड़ों के लिहाज से देखें तो एक ऑटो वाले को कम से कम 200 रुपये की एक्सट्रा आमदनी
हो रही है.
ओवरलोडिंग पर भी नहीं लगी रोक
बीते माह ऑटो चालकों ने ओवरलोडिंग पर रोक लगाये जाने का हवाला देते हुए भी किराया बढ़ा दिया. ओवरलोडिंग तो नहीं रुकी, लेकिन किराया जरूर बढ़ा दिया. आज एक ऑटो में तीन की जगह सात सवारी बैठ रहे हैं. ड्राइवर की सीट पर ही तीन यात्री बैठते हैं. सुरक्षा के नाम पर ऑटो में दाहिनी तरह लगाये गये रॉड भी हटा लिये गये हैं.
क्यों कम नहीं हो रहा भाड़ा
प्रशासन के स्तर पर नहीं हो रहा प्रयास
तय भाड़ा नहीं हुआ लागू
गुटबाजी में उलझा यूनियन
यूनियन की बात नहीं मानते ऑटो चालक
हमने तो कई रूट पर भाड़ा घटाया था. अभी रेट घटने पर बैठक भी हुई है. ऑटो चालकों का कहना है कि महंगाई बहुत है. घर चलाना मुश्किल हो रहा है. इस कारण भाड़ा नहीं घटेगा.
राजकुमार झा, महासचिव, बिहार स्टेट
ऑटो चालक संघ
रविवार को भाड़ा कम करने के मसले पर बैठक होगी. फिलहाल कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं.
सुबोध कुमार, अध्यक्ष
ऑटो मेंस यूनियन

बसों का भाड़ा भी नहीं घटाया
पेट्रोल-डीजल की घटती कीमत का असर बस भाड़ा पर भी नहीं दिख रहा है. ट्रांसपोर्टरों ने अब भी वाहन भाड़ा कम नहीं किया है. भाड़ा कम करने के पीछे तरह-तरह के तर्क देकर ट्रांसपोर्टर इससे पल्ला झाड़ रहे हैं. भाड़ा कम करने को लेकर परिवहन मंत्री रमई राम के आदेश का कोई भी असर ट्रांसपोर्टरों पर नहीं हुआ.
ट्रांसपोर्टर का तर्क
बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि डीजल की कीमत में कमी के बाद 20 नवंबर को हुई ट्रांसपोर्टरों की बैठक में पुराना बस भाड़ा लेने को कहा गया था, जबकि विभाग ने 26 अगस्त, 2014 को नया बस भाड़ा तय किया था. उन्होंने बताया कि पुराने दर पर ही बस भाड़ा लिया जा रहा है. तेल के अलावा अन्य चीजों की कीमत नहीं घटने के कारण भाड़ा में कमी करना संभव नहीं है.
आज होगी बस भाड़ा कटौती पर बैठक
डीजल की कीमत में कमी के बाद बस भाड़ा कम करने को लेकर परिवहन निगम में मंगलवार को बैठक होगी. निगम के अधिकारी बस भाड़ा के मुद्दे पर विचार-विमर्श करेंगे. इसके लिए निगम के सभी डिविजन व डिपो के अधिकारी के साथ चर्चा होगी. इधर,निजी ट्रांसपोर्टर भी बस भाड़ा में कमी पर बैठक में निर्णय लेंगे. जानकारी बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने दी.ं

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