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एमसीआइ ने लगायी रोक, तो सरकार जायेगी कोर्ट
46 एसटी-एससी छात्रों के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन का मामला पटना : मेडिकल कॉलेजों में 46 एससी-एसटी छात्रों के नामांकन रद्द किये जाने की बात को स्वास्थ्य विभाग ने अफवाह बताया है. विभाग ने कहा है कि एमसीआइ से ऐसी सूचना नहीं आयी है. अगर ऐसा कोई पत्र आयेगा, तो एमसीआइ के फैसले के खिलाफ […]
46 एसटी-एससी छात्रों के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन का मामला
पटना : मेडिकल कॉलेजों में 46 एससी-एसटी छात्रों के नामांकन रद्द किये जाने की बात को स्वास्थ्य विभाग ने अफवाह बताया है. विभाग ने कहा है कि एमसीआइ से ऐसी सूचना नहीं आयी है. अगर ऐसा कोई पत्र आयेगा, तो एमसीआइ के फैसले के खिलाफ सरकार कोर्ट व केंद्र सरकार से अपील करेगी. किसी भी हाल में छात्रों का कैरियर बरबाद नहीं होगा.
सरकार के निर्णय के बाद छात्रों का गत वर्ष मेडिकल कॉलेजों में नामांकन हुआ था. दरअसल रविवार को अफवाह उड़ी कि 46 छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया गया है और स्वास्थ्य विभाग व बीसीइसीइ बोर्ड को पत्र भेजा गया है. खबर के बाद रविवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दफ्तर पहुंचे. सहमति बनी कि ऐसी सूचना सरकार,विभाग या बोर्ड के पास नहीं है.
क्या है मामला
राज्य की 950 मेडिकल सीट में 230 सीटें और डेंटल की 50 सीट में 18 सीटें खाली रह गयी थीं. 150 एससी-एसटी एवं विकलांग कोटे के करीब 80 सीटें खाली रह गयी थीं. एमसीआइ की शर्तो के अनुसार सामान्य सीट पर कम से कम पचास प्रतिशत अंक तथा एससी-एसटी एवं विकलांग कोटे के आरक्षित सीट पर नामांकन के लिए 40 प्रतिशत अंक अनिवार्य था. सरकार के निर्देश पर खाली सीट को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव की पहल से कार्रवाई शुरू हुई.एससी-एसटी व विकलांग छात्रों के नामांकन के लिए 40 प्रतिशत अंकों की बाध्यता को शिथिल कर 32 प्रतिशत कर दिया गया. इससे एससी-एसटी व विकलांग छात्रों के नामांकन का रास्ता साफ हो गया.
सरकार,स्वास्थ्य विभाग या बीसीइसीइ बोर्ड के पास एससी-एसटी के 46 छात्रों का नामांकन रद्द करने को लेकर कोई पत्र नहीं आया है. अगर एमसीआइ कोई निर्णय लेगी,तो फैसले के खिलाफ कोर्ट व केंद्र सरकार से अपील की जायेगी. किसी भी हाल में छात्रों का कैरियर खराब नहीं होगा. नामांकन के पहले सरकार ने मामले की माइक्रो सजर्री कर ली थी. ऐसे में हमें नहीं लगता है कि ऐसा कोई फैसला एमसीआइ की तरफ से आयेगा.
आनंद किशोर,स्वास्थ्य सचिव
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