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परीक्षक की गलती की सजा भुगत रही लखीसराय की सुप्रिया दलाल उत्तर सही, मगर नहीं दिया नंबर

पटना: परीक्षार्थी ने सही उत्तर लिखा, उत्तर पुस्तिका की जांच भी हुई, एग्जामिनर ने सही का निशान भी लगाया, लेकिन अंक देना भूल गये. कम अंक आने पर जब स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया, तब भी अंक नहीं बढ़े. इसके बाद जब सूचना के अधिकार के तहत उत्तर पुस्तिका निकाली गयी, तो खुलासा हुआ कि […]

पटना: परीक्षार्थी ने सही उत्तर लिखा, उत्तर पुस्तिका की जांच भी हुई, एग्जामिनर ने सही का निशान भी लगाया, लेकिन अंक देना भूल गये. कम अंक आने पर जब स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया, तब भी अंक नहीं बढ़े. इसके बाद जब सूचना के अधिकार के तहत उत्तर पुस्तिका निकाली गयी, तो खुलासा हुआ कि एग्जामिनर अंक देना ही भूल गये.
मामला वर्ष 2013 की मैट्रिक परीक्षा का है. लखीसराय जिले के जनता हाइस्कूल, अलीनगर की छात्र सुप्रिया दयाल को उम्मीद थी कि वह टॉपरों में शामिल होगी, लेकिन दो विषयों में कम अंक आने के कारण उसे प्रथम श्रेणी भी नहीं मिली.
स्क्रूटनी में छह अंक बढ़े : सुप्रिया ने सेकेंड डिवीजन आने पर दो विषयों संस्कृत और मैथ की स्क्रूटनी के लिए आवेदन दिया. स्क्रूटनी में पूरा एक साल लग गया. इस बीच, उसने प्लस टू में नामांकन ले लिया. स्क्रूटनी में मैथ में एक, जबकि संस्कृत में पांच अंक दिये गये. पहले कुल 280 अंक मिले थे. स्क्रूटनी के बाद 286 हो गये. लेकिन, इससे सुप्रिया को संतुष्टि नहीं हुई. इसके बाद उसने सूचना के अधिकार के तहत मैथ और संस्कृत की उत्तर पुस्तिका निकलवायी. फिर मुङो पता चला कि दोनों विषयों में कई प्रश्नों के उत्तर को सही तो बताया गया, लेकिन अंक नहीं दिये गये. मैथ में तो दो दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों में अंक नहीं दिये गये. संस्कृत में चार लघु उत्तरीय व ऑब्जेक्टिव प्रश्नों में अंक नहीं दिये गये हैं.
लगा रही दो साल से चक्कर : सुप्रिया दो माह से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का चक्कर लगा रही है, लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिला है. उसके भाई हंस दयाल ने बताया कि इसको लेकर जब बिहार बोर्ड के लखीसराय विंग में गये, तो यह कह कर लौटा दिया कि बोर्ड की ओर से यह गलती तो हुई है, लेकिन इसमें कुछ किया नहीं जा सकता है, क्योंकि अब पुराना मामला हो गया है.
सुप्रिया दयाल को 14 अंक और मिल जाते, तो वह प्रथम श्रेणी से पास कर जाती. प्रथम श्रेणी से पास होने पर सरकार की योजना के तहत 10 हजार की प्रोत्साहन राशि भी मिलती. लेकिन, इससे वह वंचित रह गयी.
मेरी जानकारी में यह मामला नहीं था. 2013 का मामला है. स्क्रूटनी के बाद भी उत्तर पुस्तिका में अंक नहीं दिया गया. हम इसकी जांच करायेंगे कि कहां चूक हुई है. छात्र को न्याय मिलेगा. हम जल्द-से-जल्द इसके दोनों ही विषयों में पूरे अंक देने की कोशिश करेंगे.
लालकेश्वर प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
सुप्रिया को मिले अंक
विषय अंक
हिंदी 50
इंगलिश 30
साइंस 68
सोशल साइंस 61
मैथ 70
संस्कृत 37

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