19 जून, 2014 को बिहार में राज्यसभा की दो सीटों के उपचुनाव के दौरान भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों साबिर अली और अनिल शर्मा के पक्ष में मतदान करने के आरोप में बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने गत वर्ष एक नवंबर को जदयू के चार बागी विधायकों ज्ञानंेद्र सिंह ज्ञानू (बाढ़), नीरज सिंह बबलू (छातापुर), रवींद्र राय (महुआ) और राहुल शर्मा (घोसी) की बिहार विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी.
इन विधायकों द्वारा तीन नवंबर, 2014 को पटना हाइकोर्ट में दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायधीश जेपी शरण की अदालत ने स्पीकर द्वारा दिये गये नियमन को दरकिनार करते हुए कहा था कि दल-बदल और मतभिन्नता का समान अर्थ नहीं होता.
गिरि ने बताया कि अपील में यह अनुरोध किया गया है कि इस मामले को संविधान के 10वीं अनुसूची और सुप्रीम कोर्ट के ऐसे मामलों में पूर्व के आदेश की रोशनी में देखा जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस मामले की सुनवाई की तारीख सोमवार को निर्धारित नहीं की गयी है, लेकिन आशा है कि मामले के महत्व को देखते हुए शीघ्र ही इसकी सुनवाई होगी. उल्लेखनीय है कि पटना हाइकोर्ट के इस निर्णय के बाद जदयू के चार अन्य बागी विधायकों आजित कुमार (कांटी), राजू सिंह (साहेबगंज), पूनम देवी (खगड़िया), सुरेश चंचल (सकरा) ने भी अपनी सदस्यता रद्द किये जाने के खिलाफ सात जनवरी को इसी अदालत में याचिका दायर की थी.