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मंझधार में नाव को मांझी ने ही लगाया पार : मुख्यमंत्री

पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्हें बदलने की कहीं कोई बात ही नहीं थी. मनगढ़ंत चर्चा हो रही थी. बिहार की स्थिति को अस्थिरता में ले जाने का प्रयास हो रहा था. जनता और प्रशासन में अस्थिरता आ गयी थी. ऐसे में नीतीश कुमार की महानता है कि उन्होंने इस मामले पर […]

पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्हें बदलने की कहीं कोई बात ही नहीं थी. मनगढ़ंत चर्चा हो रही थी. बिहार की स्थिति को अस्थिरता में ले जाने का प्रयास हो रहा था. जनता और प्रशासन में अस्थिरता आ गयी थी. ऐसे में नीतीश कुमार की महानता है कि उन्होंने इस मामले पर बयान देकर इसे पूरी तरह खारिज किया. जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार जनता परिवार के विलय के लिए दिल्ली गये थे. वे अनुभवी हैं.

उन्होंने जाने से पहले ही कह दिया था कि इस मामले में फैसला करनेवाले वे कौन होते हैं? मुख्यमंत्री ने मीडिया पर भी जम कर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि कुछ दिन ऐसा कुचक्र चला कि अस्थिरता आ गयी है. दिखाया जाने लगा कि मांझी का जाना तय है, जीवनदान मिल गया है, मंत्रियों ने समर्थन कर दिया है, जदयू में बगावत हो गयी है. जब मृत्यु ही नहीं हो रही थी, तो जीवनदान कैसे मिल गया? दिखाया गया कि मांझी की नाव मंझधार में फंस गयी है. जब नाव मंझधार में फंसती है, तो ‘मांझी’ ही पार लगाता है और जीतन राम मांझी ने उसे पार लगा दिया. कैबिनेट के कई साथी साथ आये. उन्होंने जिम्मेवारीपूर्वक बात रखी.

इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं. उन्होंने कहा कि उन्हें सभी विधायकों का समर्थन है. बागी विधायकों के समर्थन के सवाल पर सीएम ने कहा कि उनके बारे में कुछ नहीं कहना. न ही किसी के लिए बागी शब्द का प्रयोग करना चाहते हैं. स्पीकर कोर्ट ने फैसला दिया, उसके बाद हाइकोर्ट का फैसला आया. हम दोनों फैसलों का सम्मान करते हैं. वे सत्ता के समर्थन में हैं. जिस दिन अलग खेमा होगा, तब की बात होगी कि कौन किस खेमे हैं.

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