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सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित
नगर आयुक्त मामले में हाइकोर्ट में सभी पक्षों ने रखी बात पटना : पटना नगर निगम के आयुक्त कुलदीप नारायण के निलंबन मामले में शुक्रवार को पटना हाइकोर्ट की पूर्ण पीठ ने सुनवाई पूरी कर ली है और आदेश सुरक्षित रख लिया है. दरअसल हाइकोर्ट की दो अलग-अलग खंडपीठ ने निगमायुक्त के निलंबन से संबंधित […]
नगर आयुक्त मामले में हाइकोर्ट में सभी पक्षों ने रखी बात
पटना : पटना नगर निगम के आयुक्त कुलदीप नारायण के निलंबन मामले में शुक्रवार को पटना हाइकोर्ट की पूर्ण पीठ ने सुनवाई पूरी कर ली है और आदेश सुरक्षित रख लिया है. दरअसल हाइकोर्ट की दो अलग-अलग खंडपीठ ने निगमायुक्त के निलंबन से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई में दो अलग-अलग तरह के आदेश दिये थे.
इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई में न्यायाधीश वीएन सिन्हा व पीके झा की खंडपीठ ने आदेश दिया था कि निगमायुक्त को सरकार ने गलत तरीके से निलंबित किया है जबकि हाइकोर्ट ने उनके स्थानांतरण तक पर रोक लगा रखी लगी है. न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी की खंडपीठका कहना था कि स्थानांतरण या निलंबन के संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई नहीं की जा सकती.
शुक्रवार को निगमायुक्त के निलंबन संबंधी सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई पटना हाइकोर्ट की तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ के न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी, न्यायाधीश वीएन सिन्हा और न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह कर रहे थे. राज्य सरकार के प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि राज्य सरकार पर यह आरोप गलत है कि वह बिल्डिंग माफियाओं से मिली हुई है.
उन्होंने कहा कि विगत वर्ष अप्रैल में राज्य के मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर पटना नगर निगम के आयुक्त को शहर में अवैध निर्माण पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दिया था.
ललित किशोर ने न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा के उस आदेश का विरोध किया, जिसमें उन्होंने निगम आयुक्त कुलदीप नारायण को निलंबित करने और उनकी जगह शीर्षत कपिल अशोक को आयुक्त बनाया गया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट को स्पष्ट करना चाहिए कि दोनों में से फिलहाल निगम आयुक्त कौन है.
निगम के वकील प्रसून सिन्हा ने हाइकोर्ट की पूर्ण पीठ को ही असंवैधानिक करार दे दिया जबकि नगर निगम के वरिष्ठ वकील यदुवंश गिरी का कहना था कि कोर्ट को कोई सर्वमान्य समाधान निकाले.
इधर,बिल्डर्स एसोसिएशन के वकील संजय सिंह ने कहा कि पटना में बिल्डरों का कामकाज पिछले डेढ़-दो वर्षो से ठप पड़ा है. निगम शहर की सफाई छोड़ निगम केवल अवैध निर्माण पर ही अपना पूरा ध्यान दे रहा है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है.
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