उन्होंने कहा कि बिचौलियों से बचने के लिए इस कार्य के लिए पंचायत स्तर पर कैंप लगाये जा रहे हैं. इसकी सूचना लोगों को लाउड स्पीकर तथा डुगडुगी बजा कर दी जा रही है. जिन जिलों में लोगों को जमीन नहीं मिली है या जिन्हें परचा मिलने के बाद भी जमीन नहीं मिली है, ऐसी तमाम समस्याओं को निबटारा कैंप में किया जायेगा. अब नये प्रावधान के तहत गरीबों को पांच डिसमिल जमीन दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि जिन टोलों तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है, तो इसके लिए अभियान चला कर जमीन की व्यवस्था करके सड़क बनायी जायेगी. कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए अमीन और हल्का कर्मचारियों की जल्द ही नियुक्ति की जायेगी. इस दौरान पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि भूमि सुधार के बिना बिहार का विकास नहीं हो सकता है.
आम जनता में इसके बिना खुशहाली नहीं आ सकती है. प्रो. केबी सक्सेना ने कहा कि बिहार ने भूमि सुधार के लिए अच्छा कदम उठाया है. बिखरी हुई व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है. राज्य में 35 लाख लोगों को जमीन की जरूरत है.