पटना: सरकारी कर्मियों व विधायकों को मुफ्त इलाज की सुविधा कब मिलेगी, यह अहम सवाल बना हुआ है. हर कोई जानना चाहता है कि आखिर कब लागू होगी बिहार स्वास्थ्य योजना. एक साल से यह योजना लटकी हुई है. फाइल कभी वित्त विभाग में अटकती है, तो कभी स्वास्थ्य विभाग में. सरकार ने केंद्र के तर्ज पर बिहार के कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों को जीवनर्पयत मुफ्त इलाज की सुविधा देने के उद्देश्य से यह योजना शुरू करने का निर्णय लिया था. वर्तमान में उपचार नियमावली के प्रावधानों के तहत चिकित्सा भत्ता देने का प्रावधान है. गंभीर बीमारी की स्थिति में कर्मचारियों को इलाज पर हुए खर्च की राशि का भुगतान किया जाता है, लेकिन यह लेना आसान नहीं है.
लाभुकों को मिलेगा स्मार्ट कार्ड
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर विधायकों व पूर्व विधायकों को भी इस योजना में दायरे में लाने की बात चली. विधानसभा में सभी दलीय नेताओं ने इस पर अपनी सहमति भी दे दी. विभागों ने भी सहमति दे दी. बावजूद वित्त विभाग व स्वास्थ्य विभाग के बीच एक साल से यह प्रस्ताव झूलता रहा. अब वित्त विभाग ने अपनी सहमति दे दी है. मंत्रिमंडल की अगली बैठक में योजना पर निर्णय ले लिया जायेगा. योजना को लागू करने के लिए राज्य के 100 अस्पतालों को चिह्न्ति कर वहां इलाज की व्यवस्था उपलब्ध करायी जायेगी. इसके लिए अलग से 400 डॉक्टरों की नियुक्ति की जायेगी. इसके लाभुकों को स्मार्ट कार्ड दिया जायेगा. उसी कार्ड पर उनका मुफ्त इलाज व मुफ्त दवाएं दी जायेंगी.
सरकार देगी 100 करोड़ का फंड
कर्मचारियों को इस योजना का लाभ देने के लिए अपने वेतन का कुछ अंश ट्रस्ट में जमा करना होगा. विधायकों व कर्मचारियों को एक-एक माह का वेतन ट्रस्ट में जमा करना होगा. सेवानिवृत्त कर्मी व पूर्व विधायकों को भी अपने एक माह की पेंशन की राशि देनी होगी. इसकी मॉनीटरिंग के लिए एक ट्रस्ट बनाया जायेगा. ट्रस्ट में 100 करोड़ रुपये का फंड रहेगा. यह राशि सरकारी खजाने से दिया जायेगा.