पटना: पटना हाइकोर्ट ने राजधानी में वाहनों की बढ़ती संख्या को लेकर परिवहन विभाग व राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को कड़ी फटकार लगायी है. न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने सुनील सिंह की लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए गुरुवार को कहा कि संकीर्ण सड़कों पर कितनी गाड़ियां चलायी जा सकती है, इसके क्या मानक हैं, सरकार को इसकी जानकारी देनी चाहिए.
खंडपीठ ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के केंद्र राजधानी में कहीं नहीं दिखते. 15 साल से पहले निबंधित तिपहिया गाड़ियां धड़ल्ले से चल रही हैं. कहीं पर चेकिंग प्वाइंट नहीं दिखता है. बच्चे गाड़ी चलाते दिखते हैं, पर उन्हें कोई रोकता नहीं. आलम यह है कि जितनी भी गाड़ियां रजिस्ट्रेशन के लिए सरकारी दफ्तरों में पहुंचती हैं, सबके निबंधन कर दिये जाते हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. खंडपीठ ने कहा कि संकीर्ण सड़क होने के बाद भी बेतहाशा गाड़ियों का निबंधन जारी है.
शराब पीकर गाड़ी चलानेवालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जांच केंद्र कहीं नहीं दिखते, जबकि सभी पेट्रोल पंपों पर इस केंद्र को रहना है. खंडपीठ ने राजधानी में सीएनजी को लेकर सरकार द्वारा किये गये प्रयासों की जानकारी भी उपलब्ध कराने को कहा. सरकार की ओर से कहा गया कि जांच की जा रही है. पांच लाख जुर्माना वसूला गया है.