पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए सूबे के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि दवाओं की उपलब्धता तथा इसकी गुणवत्ता के लिए लगातार मॉनीटरिंग की जाये. मरीजों को सभी दवाएं मुफ्त में प्राप्त हों और यह ध्यान रहे कि उन्हें बाहर से दवाएं न खरीदनी पड़े. उन्होंने कहा कि चिकित्सक ब्रांडेड दवाएं नहीं लिखें. अस्पताल भंडार में जेनेरिक दवाएं उपलब्ध रहते हुए चिकित्सक ब्रांडेड दवाएं लिखते हैं. ऐसी दवा भंडार में उपलब्ध नहीं रहने के आधार पर मरीजों को बाहर से खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ता है.
इस परिपाटी को नियंत्रित किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि चिकित्सकों द्वारा लिखे जाने वाले पुरजे को कंप्यूटरीकृत किया जाये. अस्पताल के भंडार में उपलब्ध दवाओं को भी कंप्यूटरीकृत किया जाये. इससे जानकारी मिलेगी कि किस रोगी को किस बीमारी के लिए कौन सी दवा दी गयी. वह दवा अस्पताल के भंडार में उपलब्ध थी अथवा नहीं.
इसकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए. दवाओं के केंद्रीकृत क्रय एवं वितरण की व्यवस्था के साथ-साथ वेयरहाउसों को अगस्त, 2013 में निश्चित रूप से चालू कर लिया जाना चाहिए. वेयरहाउसों का निर्माण इस प्रकार से सुनिश्चित किया जाये कि दवाओं का मानक तापक्रम एवं परिस्थितियों में भंडारित किया जा सके,ताकि गुणवत्ता बनी रहे. उन्होंने आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक व यूनानी दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है और कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर टेलीफोन 24 घंटे काम करने चाहिए.