पटना: सूबे के सभी आयुर्वेद कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है. इस कारण पटना छोड़ सभी जगह नामांकन बंद है. भागलपुर, दरभंगा, बक्सर एवं बेगूसराय में पांच साल से अधिक समय से नामांकन बंद है. पटना व बेगूसराय के आयुर्वेद कॉलेजों में प्रोफेसर के 21,रीडर के 26 एवं व्याख्याता के 98 पद सृजिर्त हैं.
इसके विरुद्ध प्रोफेसर के 19,रीडर के 13 एवं व्याख्याता के 46 पद रिक्त हैं. पटना आयुर्वेद कॉलेज में भी प्रसूति,शिशु व पंचकर्म में चिकित्सकों की कमी है. कमी को दूर करने के लिए भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद ने दो माह पूर्व ही सरकार को 31 दिसंबर तक का समय दिया था,लेकिन अब तक कमियों को दूर नहीं किया गया है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ गयी है.
अगर समय पर रिपोर्ट काउंसिल नहीं भेजा गयी,तो पटना आयुर्वेद कॉलेज की 40 सीटों पर भी नामांकन पर रोक लग जायेगी. पटना आयुर्वेद कॉलेज की कमियों को दूर कराने के लिए कॉलेज की प्राचार्या डॉ इंदू मिश्र कई बार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मिल चुकी हैं. बावजूद परेशानी नहीं दूर हुई है.
पटना आयुर्वेद कॉलेज में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए काम हो रहा है. समय पर रिपोर्ट काउंसिल भेज दी जायेगी. इसके बाद अन्य बंद पड़े कॉलेजों में भी पढ़ाई शुरू कराने को लेकर काम होगा.
ब्रजेश मेहरोत्र
प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग