पटना: एक ओर मोबाइल ने जहां पूरी दुनिया को मुट्ठी में ला दिया है, वहीं दूसरी ओर यह युवतियों के लिए सिरदर्द बन गया है. इसके गलत इस्तेमाल से आये दिन महिलाएं मोबाइल टीजिंग की शिकार हो रही हैं.
इसका असर उनके रिश्ते व कैरियर पर भी देखने को मिल रहा है. इस वर्ष महिला हेल्पलाइन में कुल 731 मामले दर्ज किये गये, जिनमें घरेलू हिंसा के बाद सबसे अधिक मोबाइल टीजिंग के मामले शामिल हैं. प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर रही नेहा को कुछ दिनों से 12 डिजिटवाले नंबर से कॉल आ रहे थे. लगातार फोन आने से तंग नेहा ने इसकी शिकायत महिला हेल्पलाइन में की, लेकिन वहां भी इन नंबरों पर कॉल करने पर कोई रिस्पांस नहीं मिला. इसी तरह के कई अन्य मामलों में देखने को मिला है. जानकारी के अनुसार महिला हेल्पलाइन में मोबाइल फोन पर अनचाहे कॉल से तंग करने के इस वर्ष 138 मामले दर्ज किये गये हैं. इनमें से कुछ मामलों में फोन से ही काउंसेलिंग कर बचने के रास्ते बताये गये, तो कुछ को साइबर सेल में भेज दिया गया है. इनमें 12 डिजिट वाले नंबरों से भी आनेवाले कॉल के मामले हैं.
92 से शुरू होनेवाले नंबर होते हैं पाकिस्तान के
इन्क्वायरी में पता चला कि 91 से आनेवाले कॉल तो भारत के नंबर हैं, लेकिन 92 से आनेवाले 12 डिजिटवाले कॉल पाकिस्तान के होते हैं. महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक प्रमिला कुमारी ने बताया कि अनचाहे नंबरों से फोन संबंधी साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं. साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों की अनदेखी करना नुकसानदेह हो सकता है. बिहार में इंटरनेट यूजर्स के अलावा ऑनलाइन बैंकिंग व एटीएम के प्रयोग करनेवालों के बीच इस तरह शिकायतें आ रही हैं.
साइबर क्राइम क्या है
कंप्यूटर, मोबाइल या इंटरनेट के जरिये किया गया अपराध साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है. एटीएम फ्रॉड मोबाइल, इ-मेल पर अभद्र व धमकी भरे एसएमएस करना, बिना कारण फोन या मेल कर परेशान करना, चरित्र हनन करना, फेसबुक व ऑरकुट जैसे सोशल नेटवर्किग साइटों के जरिये दूसरे के अकाउंट से छेड़-छाड़ करना. ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान होनेवाले धोखा सभी इसी साइबर क्राइम के तहत आते हैं.
यहां करें शिकायत
साइबर क्राइम से संबंधित शिकायत होने पर सबसे पहले नजदीकी थाने में जाकर एफआइआर दर्ज कराएं. थानों से ऐसे मामले पटना स्थित साइबर क्राइम सेल में भेज दिये जाते हैं. मामलों को आइटी एक्ट के तहत दर्ज कर आरोपित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है.
ऐसे बरतें सावधानी
वेबसाइट को जांच कर करें ऑनलाइन श्ॉापिंग
विजिटिंग कार्ड का ध्यान दें.
एक से दूसरे मेल को फॉरवर्ड नहीं करें.
ऑनलाइन दोस्त बनाने में रखें सावधानी
फ्रेंड लिस्ट में उन्हें ही जोड़ें, जिन्हें जानते हों
जो भी पोस्ट ऑनलाइन है, वह गोपनीय नहीं है
इ-मेल की किसी कॉपी या लिंक को अटैच न करें
समय-समय पर पासवर्ड व पिन कोड को बदलें