पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में साफ–सफाई को लेकर उंगली उठती रही है. खास कर बाथरूम की गंदगी की वजह से उस तरफ बगैर नाक पर रूमाल लिये गुजरना मुमकिन नहीं.
ऐसे में भरती दो मरीजों की वजह से परेशानी और भी बढ़ गयी है. इस मामले को लेकर गुरुवार को भरती मरीजों के बीच हंगामे की स्थिति बन गयी. कुछ मरीजों ने दोनों मरीज को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने की मांग कर रहे थे.
समाप्त हुआ बेसहारा वार्ड
इमरजेंसी में आनेवाले लावारिस लोगों के उपचार के लिए बेसहारा वार्ड बनाया गया था, लेकिन उसका अस्तित्व समाप्त हो गया. इस कारण बेसहारा मरीजों के उपचार व्यवस्था लचर हो गयी.
गुरुवार को उपचार के लिए अस्पताल आयी भिखारी महिला व ट्रेन से कटे युवक के गहरे जख्म से उठ रही दरुगध ने मरीजों, डॉक्टरों व कर्मचारियों की मुसीबत और भी बढ़ा दी. बताया जाता है कि ट्रेन से कटे युवक का जख्म गैंगरीन का रूप ले चुका था.
इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इस परेशानी को लेकर लोगों ने अस्पताल प्रशासन को भी सूचित किया गया, लेकिन इस ओर समुचित कार्रवाई नहीं हो पायी. बताया जाता है कि पश्चिम दरवाजा के एक मरीज को सजर्री वार्ड में भेजा गया, लेकिन दरुगध की वजह से वहां भी हंगामा शुरू हो गया.