पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा दवा-शराब घोटाले और मंदिर धोने के प्रकरण को गंभीरता से लेगी. भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में उन्होंने कहा कि एक हजार करोड़ के चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद के साथ जदयू का विलय कर नीतीश कुमार ने राजनीतिक नैतिकता और सिद्घांत का नायाब उदाहरण पश किया है. शिक्षा घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद ओमप्रकाश चौटाला अब नीतीश कुमार के सहयोगी हैं.
ऐसे में नीतीश कुमार को अब राजनीतिक शुचिता, मर्यादा और सिद्घांत की बातें करना छोड़ देना चाहिए. अपने सरकारी आवास पर आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि आज पूरे बिहार में एक बार फिर राजद शासनकाल के दिनों की यादें ताजा हो गयी हैं. शहाबुद्दीन, पप्पू यादव, सुरेंद्र यादव और प्रभुनाथ सिंह जैसे लोगों के कारण पूरे बिहार में अराजकता की स्थिति पैदा हो चुकी है.
अपराध की घटनाएं 2005 के आंकड़े को पार कर चुकी हैं. एक सौ करोड़ से अधिक के दवा घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग के साथ ही साढ़े तीन सौ करोड़ के शराब घोटाले और मंदिर धोने से संबंधित मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान के आलोक में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को भाजपा पूरी मजबूती से सदन के दोनों सदनों में उठायेगी. उन्होंने कहा कि एक सौ करोड़ से ज्यादा के दवा घोटाले की सीबीआइ जांच से सरकार भाग रही है. इस मामले में अब तक सरकार की ओर से प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गयी है. उन्होंने भाजपा विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को बचे तीन दिनों में दोनों सदनों पूरे समय सदन में मौजूद रह कर जनहित के मुद्दे पर सरकार को जवाब देने के लिए विवश करने का सुझाव दिया. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव और प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने भी विधायकों को संबोधित किया.