बिहटा : बियाडा द्वारा की जा रही घेराबंदी को किसानों ने पुलिस पदाधिकारी के समक्ष ही तोड़ डाला. किसानों को आक्रोश के सामने पुलिस–प्रशासन बौना दिखा. चहारदीवारी को विध्वंस करते हुए किसानों ने बताया कि हम अब न मुआवजा लेंगे और ना ही अपनी जमीन अधिगृहीत होने देंगे.
सरकार विकास की घोषणा कर किसानों के साथ छलावा कर रही है. बियाडा औने–पौने दामों पर भूमि अधिगृहीत कर कॉरपोरेट जगत को ऊंचे दामों पर बेच रही है.
न्याय मिलेगा : एसडीओ
सरकार की गलत नीतियों का समर्थन नहीं किया जायेगा, बल्कि उसका कड़ा विरोध होगा. उक्त बातें स्थानीय विधायक भाई वीरेंद्र ने गुरुवार को पटना–बक्सर मुख्य मार्ग के लेखन टोला गांव के समीप बियाडा द्वारा दखल कब्जा का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में कहीं. उन्होंने कहा कि डुमरी मौजा में राजस्व व भूमि सुधार विभाग, भू–अजर्न निदेशालय अधिघोषणा द्वारा 2007-2008 में करीब 213.47 एकड़ जमीन अधिगृहीत की गयी. उक्त भूमि के स्वामियों में करीब 80 प्रतिशत को मुआवजा दिया गया. शेष 20 प्रतिशत मुआवजा से वंचित रह गये.
छह वर्षो के दौरान इन किसानों की सुधि नहीं ली गयी और बियाडा ने मुआवजे से वंचित किसानों भी भूमि पर दखल कब्जा कर चहारदीवारी का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया. यहतानाशाही का परिचायक है. जनता की सहयोग से देश चल रहा है. सरकार व उसके अफसरों की तानाशाही कभी बरदाश्त नहीं होगी.
वहीं, किसानों के विरोध की सूचना पर दानापुर एसडीओ अवनीश कुमार, डीएसपी सुशांत कुमार सरोज, अपर भूमि समाहर्ता आलोक कुमार, बीडीओ रवि रंजन कुमार आदि पहुंचे. अधिकारियों ने दो दिनों के भीतर डुमरी मौजा में मुआवजे से वंचित किसानों को अविलंब कागजात प्रस्तुत करने की बात कहते हुए समस्या के अविलंब निदान का आश्वासन दिया. वहीं, बियाडा द्वारा अधिगृहीत भूमि पर चहारदीवारी निर्माण कार्य को किसानों की समस्या के समाधान होने तक रोक लगा दी.
मौके पर किसान बिटेश्वर सिंह, शंकर राम, लाल बिहारी सिंह, राज कुमार, इंद्रदेव प्रसाद, रंजन कुमार, लालू राय, शारदा राय व गिरजा राय सहित सीओ अयोध्यानाथ शुक्ला, थानाध्यक्ष आरके शर्मा, कवि भूषण आदि मौजूद थे.
प्रशासन ने साधी चुप्पी
बिहटा प्रतिनिधि के अनुसार डुमरी मौजा में 213.47 एकड़ भूमि अधिग्रहण में बिहार के प्रमुख व उच्च पदाधिकारी का नाम आते ही स्थानीय प्रशासन ने चुप्पी साध ली है.
भारी पुलिस बल के साथ उक्त जमीन की घेराबंदी करने पहुंचे अधिकारियों ने स्थल पर एक आइपीएस की पत्नी की खड़ी गाड़ी को देख कर अपना मनसूबा बदल डाला. मुआवजा नहीं लेनेवाले किसानों को कागजात प्रस्तुत करने व न्याय दिलवाने का आश्वासन देकर घेराबंदी कार्य को बंद कर सारी सुरक्षा व्यवस्था वापस कर ली. वहीं, एसडीओ अवनीश कुमार ने इन बातों को झूठा करार देते हुए सरकारी नीति का पालन करने व हिंसा से दूर रह कर कार्य करने की बात कही.