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ग्रामीण सड़कों के लिए 4130 करोड़

* पीएमजीएसवाइ : 12 वर्षो में बिहार को केंद्र सरकार ने दिया सबसे बड़ा आवंटन– बिहार के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को पहुंचे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने प्रदेश को बड़ा सौगात दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत बिहार की 5700 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए 4130 […]

* पीएमजीएसवाइ : 12 वर्षो में बिहार को केंद्र सरकार ने दिया सबसे बड़ा आवंटन
– बिहार के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को पहुंचे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने प्रदेश को बड़ा सौगात दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत बिहार की 5700 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए 4130 करोड़ रुपये की मंजूरी दी. यह न केवल पिछले 12 वर्षो में बिहार का सबसे बड़ा, बल्कि राशि के लिहाज से देशभर में एकमुश्त आवंटन के मामलों में भी सबसे बड़ा है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अगले साल से इंदिरा आवास योजना का लाभ बेघरों व कच्चे मकान वालों को भी मिलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद श्री रमेश देर शाम चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम पहुंचे. वह रविवार को लौरिया में स्थल निरीक्षण करेंगे. –

पटना : केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत राज्य को 5700 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए 4130 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जो पिछले 12 वर्षों में बिहार के लिए सबसे बड़ा आवंटन है.

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आवंटन से संबंधित स्वीकृति पत्र को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शनिवार को सौंप दिया. इस राशि से राज्य के सभी 38 जिलों में 2400 सड़कों व 190 पुलों का निर्माण कराया जायेगा. इसकी 60 फीसदी राशि 10 जिलों में खर्च की जायेगी.

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रमेश ने कहा कि इसके बाद भी राज्य की आठ हजार बसावटें संपर्क पथों से वंचित रह जायेंगी. राज्य सरकार तैयार हो, तो केंद्र एक साल के अंदर इन बसावटों को जोड़ने के लिए तैयार है. केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार किया कि पूर्व में बिहार, झारखंड, ओड़िशा, असम, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पीएमजीएसवाइ के तहत अनुपातिक स्वीकृ ति नहीं हो रही थी. मुख्यमंत्री को सुझाव दिया गया है कि सड़कों की गुणवत्ता को लेकर स्वतंत्र एजेंसी बनायी जाये.

तीन महीने में पूरा होगा आर्थिक गणना का काम : रमेश ने बताया कि आर्थिक-सामाजिक एवं जातीय जनगणना का काम तीन माह में पूरा कर लिया जायेगा. इसके आधार पर गरीब परिवारों की परिभाषा बदल जायेगी.

पिछले 10-12 वर्षो से बिहार को इंदिरा आवास का 25 फीसदी आवंटन दिया जा रहा है. इस वर्ष भी देश का 25 फीसदी आवासों का आवंटन बिहार को मिला है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों को तीन माह में आर्थिक सामाजिक एवं जातीय जनगणना के तहत आपत्ति प्राप्त कर उसमें संशोधन कर देना है. नवंबर के अंत तक इस सूची का प्रकाशन कर दिया जायेगा.

* सर्वदलीय कमेटी रखेगी नजर
राज्यों में चलायी जा रही केंद्रीय योजनाओं पर सर्वदलीय नेताओं की कमेटी नजर रखेगी. इस कमेटी में मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह कदम पीएमजीएसवाइ, इंदिरा आवास व मनरेगा में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए उठाये जायेंगे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ओर से प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने केंद्रीय मंत्री को एक ज्ञापन देकर यह मांग उठायी थी. इसमें यह भी कहा गया कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण में जनप्रतिनिधियों के साथ प्रमुख लोगों से भी सुझाव लिये जाएं.

* संजीदा हैं सीएम
केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि बिहार के संजीदा मुख्यमंत्री ने भी मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर बात उठायी है. इंदिरा आवास का लाभ सही लाभुक को नहीं मिल रहा है. मनरेगा के पैसे से बोलेरो और पजेरो की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है.

बिहार-झारखंड में तालाब नहीं खोदे जा रहे. सड़कें नहीं बन रही हैं, पर गाड़ियां खरीदी जा रही हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मनरेगा में राज्य सरकार की न्यूनतम मजदूरी और मनरेगा मजदूरी के बीच राशि को लेकर अंतर दिखता है. मनरेगा की राशि के तहत कई तरह की अन्य योजनाओं का भी लाभ मिलता है, जबकि न्यूनतम मजदूरी से ऐसा कोई लाभ नहीं मिलता.

उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी का मामला बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी उठाया है. इसे लेकर मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है. अभी कोर्ट में मामला विचाराधीन है. ऐसे में इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा सकता. संवाददाता सम्मेलन में जयराम रमेश के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रेमचंद मिश्र और प्रदेश प्रवक्ता राजेश कुमार सिन्हा मौजूद थे.

* 5700 किमी सड़कें बनेंगी
* 2400 कुल सड़कें बनेंगी
* 190 पुल बनाये जायेंगे

* 10 जिलों को 60 } राशि
औरंगाबाद, जमुई, कैमूर, नवादा, सीतामढ़ी, रोहतास और पश्चिम चंपारण.(नक्सलग्रस्त). अररिया, दरभंगा व मधुबनी.

* संजीदा हैं सीएम
केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि बिहार के संजीदा मुख्यमंत्री ने भी मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर बात उठायी है. इंदिरा आवास का लाभ सही लाभुक को नहीं मिल रहा है. मनरेगा के पैसे से बोलेरो और पजेरो की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. बिहार-झारखंड में तालाब नहीं खोदे जा रहे. सड़कें नहीं बन रही हैं, पर गाड़ियां खरीदी जा रही हैं.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मनरेगा में राज्य सरकार की न्यूनतम मजदूरी और मनरेगा मजदूरी के बीच राशि को लेकर अंतर दिखता है. मनरेगा की राशि के तहत कई तरह की अन्य योजनाओं का भी लाभ मिलता है, जबकि न्यूनतम मजदूरी से ऐसा कोई लाभ नहीं मिलता. उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी का मामला बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी उठाया है. इसे लेकर मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है.

अभी कोर्ट में मामला विचाराधीन है. ऐसे में इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा सकता. संवाददाता सम्मेलन में जयराम रमेश के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रेमचंद मिश्र और प्रदेश प्रवक्ता राजेश कुमार सिन्हा मौजूद थे.

* धन वर्षा नहीं, बिहार का हक
जदयू के भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश सरकार की मांगों के प्रति उदारता बरतने व बिहार को आर्थिक मदद देने में दरियादिली दिखाने के बारे में पूछने पर रमेश ने इससे इनकार किया. उन्होंने कहा, बिहार में केंद्र द्वारा किसी प्रकार की धनवर्षा नहीं की जा रही है, बल्कि इस प्रदेश का यह हक बनता है.

* बेघरों को भी इंदिरा आवास
रमेश ने बताया कि सरकार अब इंदिरा आवास योजना में परिवर्तन करने जा रही है. योजना का लाभ वैसे लोगों को मिलेगा, जो बेघर हैं या जिनके पास कच्चा मकान है. पहली अप्रैल, 2014 से यह योजना लागू हो जायेगी. इंदिरा आवास के लिए अब बीपीएल सूची में नाम होना जरूरी नहीं है.

* पांच साल के विकलांग को भी 500 पेंशन
पटना : केंद्र सरकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत सभी तरह के पेंशन स्कीमों में संशोधन करने जा रही है. अब पांच साल के बच्चे-बच्चियों को भी 500 रुपये प्रतिमाह विकलांगता पेंशन मिलेगी. विकलांगता की सीमा भी 80 फीसदी से घटा कर 40 फीसदी की जायेगी.

प्रधानमंत्री के पास यह प्रस्ताव भेज दिया गया, जिस पर मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलनेवाली है. यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में दी. अकेली रहनेवाली महिला को भी पेंशन : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि वर्तमान में वृद्ध को 200 रुपये, विधवा को 300 रुपये व विकलांग को 300 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है. अब इसमें संशोधन किया जा रहा है.

वृद्ध, विधवा व विकलांग तीनों को 500 रुपये पेंशन देने का प्रस्ताव है. वर्तमान में वैसी विधवाओं को इसका लाभ मिलता है, जिनकी उम्र 40 साल से अधिक होती है. नये प्रस्ताव के अनुसार 18 साल से ऊपर की विधवाओं को भी इसका लाभ दिया जायेगा. साथ ही इस योजना का लाभ वैसी महिलाओं को भी मिलेगा, जो पति से अलग होकर एकल जीवनयापन कर रही हैं.

* आठ हजार करोड़ पेंशन
रमेश ने बताया कि विकलांग योजना का लाभ 80 फीसदी विकलांगता के बाद दिया जाता है. अब इसे सुधार कर 40 फीसदी विकलांगता किया जा रहा है. साथ ही इसमें उम्र की सीमा भी खत्म की जा रही है. छोटे बच्चे से लेकर बड़ों को विकलांगता पेंशन दी जायेगी.

* वृद्ध व विधवा को भी 500 रुपये
* 80 फीसदी की जगह अब 40 फीसदी विकलांगता होगी मानक, उम्र की नहीं होगी सीमा
* 18 साल से ऊपर की विधवाओं को मिलेगी पेंशन

– वर्तमान में लाभ
* सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ तीन करोड़ लोगों को मिलता है
* इस पर हर वर्ष 10 हजार करोड़ होते खर्च

– संशोधन के बाद
* आठ हजार करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ
* सालाना 25 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च

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