पटना. कटिहार जिले का 12 वर्षीय बच्चे सीस मोहम्मद की हादसे में गंभीर चोट आने के बाद छाती की हड्डी टूट गयी थी. फेफड़ा व पेट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये थे और लीवर बाहर आ गया था. इसके बाद बच्चे को लेकर परिजन इलाज के लिए तीन मेडिकल कॉलेजों में गये. लेकिन, वहां के चिकित्सकों ने इलाज करने से साफ मना कर दिया और मरते हालत में बच्चे को पारस एचएमआरआइ में लाया गया, जहां बच्चे का तीन घंटे तक गहन ऑपरेशन के बाद सामान्य किया गया. ये बातें मंगलवार को पारस एचएमआरआइ के जीआइ सर्जन डॉ उत्पल आनंद ने प्रेस वार्ता में कहीं. उन्होंने कहा कि इस तरह का ऑपरेशन उसी अस्पताल में संभव हो पाता है, जहां अत्याधुनिक सुविधाएं हो और डॉक्टर मिल कर टीम भावना के साथ काम करें. उन्होंने कहा कि हार्ट रोग की गड़बड़ी को देखने के लिए टीम में डॉ अरविंद मौजूद थे. उनका कहना था कि मरीज का पल्स और ब्लड प्रेशर काफी कम था. ऐसे में मरीज को बेहोश करने में एनेस्थेशिया टीम को काफी सतर्कता बरतनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि यह टीम भावना ही थी कि बुरी तरह से घायल होने के बावजूद उस बच्चे को बचा लिया गया. अब वह खाना-पीना भी ले रहा है.
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12 वर्षीय बच्चे को पारस हॉस्पिटल में मिली जिंदगी : विज्ञापन
पटना. कटिहार जिले का 12 वर्षीय बच्चे सीस मोहम्मद की हादसे में गंभीर चोट आने के बाद छाती की हड्डी टूट गयी थी. फेफड़ा व पेट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये थे और लीवर बाहर आ गया था. इसके बाद बच्चे को लेकर परिजन इलाज के लिए तीन मेडिकल कॉलेजों में गये. लेकिन, वहां के […]
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