पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के केंद्र को चेतावनी दी है कि यदि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को झूठे मामले में फंसाया गया, तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे. यह चेतावनी उन्होंने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी. उन्होंने इशरत जहां को बिहार से जोड़ने को शर्मनाक बताया.
हिंदू थे जावेद शेख के पिता
उन्होंने कहा कि इशरत के आतंकवादियों से संबंध को नकार कर सिर्फ वोट के चक्कर में उसे बिहार से जोड़ कर जदयू हौवा खड़ा कर रहा है. देश की सुरक्षा को ताक पर रख कर आतंकवाद को संरक्षण दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. आतंकवादियों की न जाति होती है और न ही कोई धर्म. जावेद शेख पहले हिंदू था, बाद में उसने धर्म परिवर्तन कर लिया. उसके पिता का नाम नागेंद्र पिल्लई है.
आतंकवाद से जुड़ी इशरत पर जदयू जब गर्व की बात करता है, तो हमें शर्म आती है. व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं वह इशरत की मूर्ति न स्थापित कर दे. जदयू नेता इशरत के परिजनों को मुआवजा देने की मांग भी कर दें, तो आश्चर्य नहीं होगा. उन्होंने सवाल किया कि अफजल गुरु यदि बिहार का होता, तो जदयू उसे भी महिमामंडित करता?
लश्कर की सदस्य थी इशरत
उन्होंने कहा कि गुजरात एनकाउंटर में पुलिस ही नहीं, केंद्र की आइबी भी शामिल थी. जदयू नरेंद्र मोदी पर हमला बोल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर नहीं. जदयू नेताओं को नौ साल बाद इशरत का गोत्र पता चला है. अभी वे और आतंकवादियों का गोत्र तलाशेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रलय के अंडर सेक्रेटरी आरवीएस मणी ने अगस्त, 2009 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इशरत आतंकवादी थी. जावेद-इशरत आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोयबा के सक्रिय सदस्य थे. गिरफ्तार 18 आतंकवादियों ने भी अपने बयान में कहा कि दोनों लश्कर-ए-तोयबा के सक्रिय सदस्य थे. संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय, प्रदेश प्रवक्ता राम किशोर सिंह व संजय मयूख भी मौजूद थे.