पटना: राजनीतिक दलों के साथ ही विभिन्न संगठनों के नेताओं ने मधुबनी पेंटिंग्स को विश्व स्तर पर ख्याति दिलानेवाली महासुंदरी देवी के निधन को कला के लिए अपूरणीय क्षति बताया. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने कहा कि महासुंदरी जी ने दीवारों, कागजों व कपड़ों पर अपनी कला को उकेर कर देहरी से बाहर निकल मिथिला कला के क्षेत्र में मिथिलांचल का गौरव बढ़ाया.
भाकपा के राज्य सचिव राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि महासुंदरी देवी मधुबनी पेंटिंग की शिखर कलाकार के साथ महिला सशक्तीकरण की प्रबल समर्थक भी थी. उधर, बिहार ललित कला अकादमी द्वारा शुक्रवार को शोक सभा में प्रो श्याम शर्मा, जय नारायण सिंह, आनंदी प्रसाद बादल, रीता शर्मा, सत्य नारायण लाल, भोला पंडित, विनय कुमार, संजय कुमार सिंह और मिलन दास सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.
वहीं, जनकल्याण परिषद द्वारा भी महासुंदरी देवी के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सुमन कुमार मल्लिक, अजय कुमार, रंगनाथ द्विवेदी, सुधीर कुमार तिवारी, हेमंत कर्ण और रामाश्रय राय सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.