पटना: सूबे के सभी विश्वविद्यालयों में ‘क्रेडिट सिस्टम’ लागू किया जायेगा. इसे सबसे पहले पीजी (स्नातकोत्तर) में लागू किया जायेगा. उसके बाद इसे स्नातक (ग्रेजुएशन) में लागू किया जायेगा. दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए बुलायी गयी थी. इसमें बिहार की ओर से उच्च शिक्षा निदेशक एसएम करीम ने शिरकत की.
बैठक से लौटने के बाद एसएम करीम ने बताया कि नये सत्र में बिहार के विश्वविद्यालयों में इसे लागू किया जा सकेगा. इस पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रलय ने अपनी सहमति दे दी है. फिलहाल इसे पीजी के विषयों में लागू किया जायेगा. कोई छात्र जो किसी विषय से स्नातकोत्तर कर रहा है और एक साल की पढ़ाई पूरी कर चुका है, अगर वह दूसरे प्रदेश चला जाता है, तो वहां के विश्वविद्यालय में नामांकन के बाद उस कोर्स को वहां से पूरा कर सकता है. इसके लिए संबंधित विश्वविद्यालय पर निर्भर करता है कि वह नामांकन लेता है या नहीं.
अगर संबंधित विश्वविद्यालय में सीट खाली हुई और वह छात्र मेरिट में रहा, तो उसका नामांकन हो जायेगा. क्रेडिट सिस्टम कई विश्वविद्यालय में भी लागू है. इससे एक छात्र दो विश्वविद्यालयों में पढ़ सकेगा. छात्र का फाइनल रिजल्ट जहां से कोर्स अंतिम रूप से पूरा होगा वहां से दिया जायेगा. बैठक में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी मौजूद थे.