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26 जनवरी तक आकार ले सकता है नया निकाय

नयी दिल्ली : योजना आयोग के पुनर्गठन पर विचार-विमर्श के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यहां बुलायी गयी मुख्यमंत्रियों की बैठक में ज्यादातर राज्यों ने इस निकाय के पुनर्गठन के विचार का समर्थन किया. हालांकि, मौजूदा ढांचे को भंग करने के बारे में एक राय नहीं दिखी. संकेत है कि नया निकाय अगले […]

नयी दिल्ली : योजना आयोग के पुनर्गठन पर विचार-विमर्श के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यहां बुलायी गयी मुख्यमंत्रियों की बैठक में ज्यादातर राज्यों ने इस निकाय के पुनर्गठन के विचार का समर्थन किया. हालांकि, मौजूदा ढांचे को भंग करने के बारे में एक राय नहीं दिखी.
संकेत है कि नया निकाय अगले साल 26 जनवरी तक आकार ले लेगा. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के अनुरूप एक ऐसा कारगर ढांचा स्थापित हो, जो ‘सहयोगपूर्ण संघीय व्यवस्था’ व ‘टीम इंडिया’ की अवधारणा को बल प्रदान करे. प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि नीति नियोजन की प्रक्रिया बदलने और इसे ‘ऊपर से नीचे की बजाय’, ‘नीचे से ऊपर’ की ओर करने की जरूरत है.
नये निकाय में राज्यों के अहम रोल पर जोर देते हुए कहा, कभी-कभी राज्य यह महसूस करते हैं कि उनके विचारों को अभिव्यक्त करने का कोई मंच नहीं है.अंतर- राज्यीय विवादों के समाधान के लिए एक प्रभावी व्यवस्था होनी चाहिए. क्या हम नयी व्यवस्था तैयार नहीं कर सकते, जो देश की शक्तियों के अनुरूप योजना बना सके. सहयोगपूर्ण संघीय व्यवस्था का आह्वान करते हुए कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य ने देश को आगे बढ़ने के लिए लंबी छलांग लगाने का मौका दिया है. दो दशक से अधिक समय से योजना आयोग के पुनर्गठन की बात हो रही है. समय आ गया है जब वृद्धि व विकास के लिए नयी व्यवस्था बने.
ऐसा होगा निकाय का स्वरूप !
दिन भर चली बैठक से संकेत मिले हैं सरकार एक ऐसे निकाय की स्थापना का विचार कर रही है जिसमें प्रधानमंत्री, कुछ कैबिनेट मंत्री व कुछ मुख्यमंत्री शामिल होंगे. इस निकाय में मुख्यमंत्रियों को बारी-बारी से प्रतिनिधित्व मिलेगा. राज्यों को योजनागत कोष को अपने आवश्यकतानुसार खर्च करने की छूट दी जा सकती है. इसमें विभिन्न तकनीकी विषयों व क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी बतौर सदस्य शामिल किया जायेगा.
भाजपा बनाम कांग्रेस
चर्चा के दौरान कांग्रेसनीत सरकार वाले राज्यों ने योजना आयोग को दुरुस्त करने के विचार का तो समर्थन किया, लेकिन समाप्त करने के विचार से असहमत थे. दूसरी तरफ भाजपा सरकार वाले राज्यों के साथ तमिलनाडु व तेलंगाना ने आयोग को तत्काल समाप्त करने की बात पर बल दिया.
हेमंत, उमर नहीं आ सके
बैठक में पश्चिम बंगाल और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के अलावा विधानसभा चुनाव के दौर से गुजर रहे जम्मू कश्मीर और झारखंड के मुख्यमंत्री क्रमश : उमर अब्दुल्ला व हेमंत सोरेन शामिल नहीं हो सके.

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