पटना: आइजीआइएमएस, पटना और बेतिया मेडिकल कॉलेज में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) द्वारा एडमिशन की अनुमति नहीं देने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को पत्र लिख कर इस संबंध में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. पत्र में सीएम ने कहा है कि राष्ट्रीय औसत के अनुसार बिहार में 20 मेडिकल कॉलेजों की जरूरत है, जबकि राज्य में फिलहाल आइजीआइएमएस समेत सिर्फ सात मेडिकल कॉलेज हैं.
ऐसे में आइजीआइएमएस के तीसरे सत्र व बेतिया के पहले सत्र में एडमिशन की अनुमति नहीं देना आश्चर्यजनक है. कई राज्यों के मेडिकल कॉलेजों को मुख्य सचिव व स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन पर एमसीआइ ने एडमिशन की अनुमति दी है. लेकिन, बिहार के इन दोनों मेडिकल कॉलेजों के सरकारी होने के बावजूद एडमिशन की अनुमति नहीं दी गयी.
आइजीआइएमएस के निदेशक व स्वास्थ्य सचिव ने कमियों को निश्चित समय अवधि में दूर करने का आश्वासन दिया था. इसके बावजूद एमसीआइ ने 18 जून को हुई बैठक में एडमिशन की अनुमति नहीं दी. आइजीआइएमएस के तीसरे सत्र में 100 सीटों पर एडमिशन लिया जाना है. पिछले दो सत्रों में 100-100 छात्रों का एडमिशन हो चुका है, जबकि बेतिया में पहले सत्र में 100 छात्रों का एडमिशन होना है.
श्री आजाद से इस संबंध में व्यक्तिगत रूप से पहल करने का अनुरोध करते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि 12 जून को जब एमसीआइ ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. उस समय अपर्याप्त फैकल्टी सहित अन्य कमियां गिनायी गयी थीं.
निदेशक ने आश्वासन दिया था कि तय समय में इन्हें दूर कर लिया जायेगा. संस्थान में 2011-12 व 2012-13 में पीजी विषय की पढ़ाई के लिए 100-100 छात्रों का एडमिशन हुआ है. मुख्य सचिव के स्तर पर मेडिकल कॉलेज की कमियों को दूर करने के लिए लगातार समीक्षा बैठक की जा रही है. संबंधित अधिकारियों को खुद मैंने निर्देश दिया है कि मेडिकल कॉलेजों की कमियों को तुरंत दूर किया जाये, जबकि बेतिया मेडिकल कॉलेज की मंजूरी 2007 में मिली थी. कॉलेज में फैकल्टी व अन्य जरूरी पदों पर नियुक्ति कर ली गयी है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने मेडिकल कॉलेज से जुड़े दस्तावेज एमसीआइ को उपलब्ध कराये हैं. इसके मद्देनजर दोनों मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन की अनुमति दी जाये.