पटना: राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) में पैक्स का अब भी 204 करोड़ फंसा है. को-ऑपरेटिव बैंक से 11 प्रतिशत की दर पर कर्ज लेकर पैक्स ने किसानों के धान खरीद का भुगतान किया है. एसएफसी से समय पर भुगतान नहीं होने से पैक्स के लिए धान खरीद घाटे का सौदा हो गया है. ऐसे में अगले साल से पैक्स धान खरीद में रुचि नहीं लेंगी. इसका असर राज्य में धान खरीद पर पड़ना तय है.
15,86,738 टन खरीदा धान
इस वर्ष अप्रैल तक राज्य के छह हजार पैक्स ने 3,60,437 किसानों से 15,86,738 टन धान की खरीद की . 19 जून तक एसएफसी पर 45,052 किसानों के 1,86,565 टन धान का बकाया है. गया की पैक्स का सबसे अधिक बकाया 35.3 करोड़ है, जबकि पटना का 20.58 करोड़ बकाया है. 15 दिन पहले तक पैक्स का एसएफसी पर 433 करोड़ रुपये बकाया था. हाल के दिनों में 230 करोड़ का भुगतान किया गया है. मुख्य सचिव द्वारा प्रत्येक सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बकाया भुगतान के लिए निर्देश भी दिये जाते रहे हैं.
कैसे होता है भुगतान
किसानों से पैक्स ने प्रति क्विंटल 1250 रुपये की दर से धान की खरीद की. कमीशन के रूप में प्रति क्विंटल पैक्स को 53 रुपये मिलते हैं. इसमें बोरा, ट्रांसपोर्टेशन, हथालन आदि शामिल हैं. इस प्रकार प्रति क्विंटल पैक्स को धान की कीमत 1303 रुपये एसएफसी से मिलते हैं. पैक्स को-ऑपरेटिव बैंकों से 11 प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज लेकर किसानों को भुगतान करता है. एसएफसी धान से चावल तैयार कर एफसीआइ को देता है. चावल के बदले एफसीआइ द्वारा एसएफसी का भुगतान होता है.