पटना. छह माह का रविवार व्रत अनुष्ठान आज से शुरू हो गया. इसके साथ ही अगहन (नवंबर-दिसंबर) माह की भी शुरुआत हो गयी. ज्योतिषों की माने तो यह अनुष्ठान अगले छह माह तक चलेगा. ज्योतिष कुलानंद झा के अनुसार अगहन माह के प्रथम रविवार को यह व्रत शुरू होता है, जो वैशाख माह (अप्रैल-मई) के शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को समाप्त होता है. अनुष्ठान की शुरुआत के दिन व्रती सुबह से उपवास रखती है. सूर्यास्त के पहले सूर्य को अर्ध देकर प्रसाद ग्रहण किया जाता है. इसके बाद निर्जला व्रत रखा जाता है. कई व्रती गंगा किनारे या नदी पोखर आदि में खड़े होकर भी सूर्य को सूप द्वारा अर्ध देती है. ज्योतिष कुलानंद झा ने बताया कि पहले और अंतिम दिन एक समय प्रसाद ग्रहण कर निर्जला व्रत रखा जाता है. इसके अलावा प्रत्येक रविवार को व्रती नमक नहीं खाती है.
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रविवार अनुष्ठान श्ुारू, सूर्य को दिया गया अर्ध
पटना. छह माह का रविवार व्रत अनुष्ठान आज से शुरू हो गया. इसके साथ ही अगहन (नवंबर-दिसंबर) माह की भी शुरुआत हो गयी. ज्योतिषों की माने तो यह अनुष्ठान अगले छह माह तक चलेगा. ज्योतिष कुलानंद झा के अनुसार अगहन माह के प्रथम रविवार को यह व्रत शुरू होता है, जो वैशाख माह (अप्रैल-मई) के […]
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