46 सांसदों ने अब तक चुने ग्राम
आदर्श ग्राम : कैसा हो आदर्श ग्राम का मॉडल, सांसदों का प्रशिक्षण शुरू एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला में उपस्थित हुए सांसद ग्रामीण विकास मंत्रलय के निदेशक ने दी जानकारी पटना : बिहार में गुरुवार से सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू हो गयी. अब तक बिहार से 46 सांसदों ने आदर्श ग्राम चुने हैं. चुने हुए […]
आदर्श ग्राम : कैसा हो आदर्श ग्राम का मॉडल, सांसदों का प्रशिक्षण शुरू
एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला में उपस्थित हुए सांसद
ग्रामीण विकास मंत्रलय के निदेशक ने दी जानकारी
पटना : बिहार में गुरुवार से सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू हो गयी. अब तक बिहार से 46 सांसदों ने आदर्श ग्राम चुने हैं. चुने हुए ग्राम का विकास किस प्रकार हो, राज्य के सभी सांसदों की एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला के बाद इस दिशा में पहल शुरू हो चुकी है. गुरुवार को होटल पाटलिपुत्र में आयोजित कार्यशाला में सांसद और डीएम व एसपी भी शामिल हुए.
सांसद आदर्श ग्राम योजना के हर पहलुओं की जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रलय के निदेशक डॉ कुशल कुमार पाठक ने दी. नरेंद्र मोदी के संदेश भी सांसदों को सुनाये गये. सांसदों को न तो अपना गांव और न ही ससुराल का गांव चुनना है. साथ ही गुजरात व आंध्रप्रदेश के आदर्श ग्राम को मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गया.
सांसद आदर्श ग्राम के लिए निर्धारित समय सीमा : आदर्श ग्राम का चयन-एक माह. योजना के विषय में जागरूकता- दो माह. माहौल तैयार करना व सामाजिक एकजुटता-तीन माह. प्रथम चरण के कार्यकलापों का आरंभ-तीन माह. प्रथम चरण के कार्यकलापों की समीक्षा- पांच माह. ग्राम विकास योजना की तैयारी का समापन- सात माह. अनुमोद व स्वीकृति-आठ माह. कार्यकलापों का आरंभ- नौ माह.
ग्रामसभा व जिला स्तर पर ग्राम विकास योजना की प्रगति की समीक्षा- एक वर्षइन सांसदों ने लिया भाग : केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव, सांसद अनिल सहनी, अली अनवर, सतीश चंद्र दूबे, नित्यानंद राय, राम कुमार कुशवाहा, छेदी पासवान, संजय जायसवाल, कौशलेंद्र कुमार, अजय निषाद, वीणा देवी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, असरारूल हक, चौधरी महबूब अली कैसर,वीरेंद्र कुमार चौधरी,अरुण कुमार,हरि मांझी,भोला सिंह व सुशील कुमार सिंह. इसके अलावा राम विलास पासवान, चिराग पासवान, अश्विनी कुमार चौबे, रविशंकर प्रसाद, आर के सिन्हा, सीपी ठाकुर, गिरिराज सिंह ने भाग लिया. हालांकि बैठक में प्रतिनिधियों को भेजने की व्यवस्था नहीं है.
सहयोग का आश्वासन
पटना. केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव और ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने सांसद आदर्श ग्राम योजना को लेकर एक-दूसरे को सहयोग की बात कही. केंद्रीय मंत्री व बिहार के सांसद के नाते रामकृपाल यादव इस समारोह में शिरकत कर रहे थे तो इस योजना का नोडल विभाग के प्रभारी मंत्री के रूप में नीतीश मिश्र मौजूद थे. केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि यह योजना कितनी जमीन पर उतर पायेगी, यह पदाधिकारियों पर निर्भर है. उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि वे पदाधिकारियों को इसको अमल में लाने के लिए निर्देश दे. जिलाधिकारी अपनी जिम्मेवारी बखूबी समझते हैं.
वे इसको जमीन पर उतारेंगे. उनके पास काम अधिक है. भारत निर्माण की सभी योजनाएं इसमें शामिल हैं. जिलाधिकारियों के सहयोग के बिना इसे लागू नहीं किया जा सकता.इस पर ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग मिलेगा. सांसदों को अपने द्वारा चयनित आदर्श ग्राम की सतत मॉनीटरिंग करने की आवश्यकता है. उनके क्षेत्र में 250-300 पंचायतों में से सांसदों को एक पंचायत पर अपना ध्यान फोकस करना है. नोडल विभाग के नाते वे यह आश्वस्त करते हैं कि पदाधिकारी शत प्रतिशत सहयोग करेंगे.
चयन पर भ्रम
अधिसंख्य सांसदों को यह भ्रम बना रहा था कि पंचायत का चयन करना है या किसी एक गांव का. कुछ ने तीन-पांच हजार आबादी को लेकर भी सवाल खड़े किये. योजना के निदेशक कुशल कुमार पाठक ने बताया कि किसी भी सांसद को किसी एक पंचायत का चयन करना है. पंचायत के अंदर किसी गांव का नहीं. इसके अलावा किसी पंचायत की आबादी अगर बड़ी है तो औसत आबादी को आधार बनाकर पंचायत का चयन करें.
सांसद छेदी पासवान ने बताया कि उन्होंने जिस गांव का चयन किया है वहां पर शराब पीनेवालों की संख्या अधिक है. इससे कैसे निजात मिलेगा. मध्याह्न् भोजन के जांच के दिन लोग आते हैं.
आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति भी ठीक नहीं है. इसी तरह से जनार्दन सिंह सीग्रीवाल व असरारूल हक ने पूछा कि पंचायत का चयन कराना है या गांव का. सुशील कुमार सिंह ने सुझाव दिया कि पहले यह सव्रेक्षण हो जाये कि जिस गांव का चयन किया गया है, वहां के लोगों को वर्तमान समय में किन-किन योजनाओं का लाभ मिल रहा है. अली अनवर ने कहा कि अब स्कीम का एसिड टेस्ट तो जमीन पर ही होगा. योजना ऊपर से बनायी जाती है, इसमें राज्यों का सलाह नहीं लिया जाता. इस कार्य के लिए कलेक्टर को कई बार गांव जाना होगा जबकि उनके पास समय का अभाव होता है.
सबसे बड़ी समस्या है अतिक्रमण का. पटना जिला में एक हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जज ने पूरे गांव के पानी को रोक रखा है. क्या इस योजना पर सांसद का पूरा फंड लग जायेगा.
कुछ ऐसा होगा सांसदों का आदर्श ग्राम
डॉ कुशल कुमार पाठक ने बताया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सफाई, दैनिक व्यायाम व खेलकूद समेत स्वास्थ्यवर्धक आदतों का विकास तथा धूम्रपान व नशीले पदार्थो में कमी करना है. इसके अलावा मानव विकास में हेल्थ कार्ड, मेडिकल जांच, संपूर्ण टीकाकरण, लिंगानुपात को संतुलित रखना, शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव, बच्चे, गर्भवती महिला और स्तनपान करानेवाली महिलाओं पर विशेष ध्यान देना है.
सभी को 10 वीं तक शिक्षा उपलब्ध कराना, आइटी आधारित क्लास रूम, ई-पुस्तकालय व प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा देना है. सामाजिक विकास के तहत सांसदों को ग्रामीण वृद्ध, स्थानीय रोल मॉडल विशेष कर महिला, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को सम्मानित करनेवाले कार्यकलाप को बढ़ाना है. हिंसा व अपराधमुक्त, ग्रामीण खेलकूद और लोककला उत्सव, एक ऐसा ग्राम गीत बनाना जिससे लोगों में गर्व की भावना पनपे व ग्राम दिवस का आयोजन जैसी गतिविधियां शामिल हैं. आर्थिक विकास के तहत जैविक कृषि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसलों की पैदावार बढ़ाना, बीज बैंकों की स्थापना, गोबर बैंक की स्थापना, मवेशी हॉस्टल, डेयरी विकास, पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देना,पर्यावरण का विकास, पौधारोपण, वाटरशेड का प्रबंधन, बेघरों गरीबों के लिए पक्का मकान, बारहमासी सड़क, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, आंगनबाड़ी, विद्यालयों, अस्पतालों व ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण करना है. सामाजिक सुरक्षा के तहत सभी पात्र परिवार, वृद्ध, विकलांग, विधवाओं के लिए पेंशन व आम आदमी बीमा योजना, स्वास्थ्य बीमा,जनवितरण प्रणाली को सर्वसामान्य के लिए उपलब्ध कराना. सुशासन के तहत जवाबदेह पंचायत तथा सक्रिय ग्राम सभाओं के माध्यम से स्थानीय लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाना है. हर तीन माह में बाल सभा, एक वर्ष में न्यूनतम चार बार ग्राम सभा का आयोजन व जनता द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायतों का समय पर निबटारा कराना है.