23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अकेला खड़ा है अकेला आदमी

पटना : पटना पुस्तक मेले में रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी ‘अकेला आदमी : कहानी नीतीश कुमार की’ का विमोचन हुआ. प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित व संकर्षण ठाकुर लिखित इस पुस्तक में नीतीश कुमार की जीवनी के अलावा बिहार की राजनीति के इतिहास को रेखांकित किया गया है. मौके पर वरिष्ठ पत्रकार […]

पटना : पटना पुस्तक मेले में रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी ‘अकेला आदमी : कहानी नीतीश कुमार की’ का विमोचन हुआ. प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित व संकर्षण ठाकुर लिखित इस पुस्तक में नीतीश कुमार की जीवनी के अलावा बिहार की राजनीति के इतिहास को रेखांकित किया गया है.

मौके पर वरिष्ठ पत्रकार व राज्यसभा सांसद हरिवंश ने कहा कि यह पुस्तक पहले अंगरेजी में लिखी गयी और अब इसका हिंदी रूपांतरण किया गया है. यह सही समय है पुस्तक को लाने का. जब हर तरफ परिवारवाद चल रहा है, वहां वह अकेला आदमी अकेला ही खड़ा है. यह शीर्षक मुङो काफी पसंद आया.

अकेला आदमी इतिहास बदल देता है : गांधीवादी चिंतक डॉ रजी अहमद ने कहा कि मैंने जब यह पुस्तक देखी, तो याद आया कि अकेला आदमी हर तरफ अपने झंडे गाड़ देता है. ऐसे ही लोगों में दो इनसान देश में काफी प्रमुख रहे. रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘एकला चलो’ कहा था. उसके बाद गांधी जी ने अकेले ही आंदोलन करके साबित किया. गौर से देखें, तो पता चलेगा कि अकेला आदमी इतिहास बदल देता है. अर्थशास्त्री डॉ शैबाल गुप्ता ने कहा कि भारतीय लेखन में संकर्षण ठाकुर ने काफी ज्यादा योगदान किया है.

आजकल ऑटोबायोग्राफी ज्यादा लिखी जाती है. बायोग्राफी ज्यादा महत्वपूर्ण है. इस पुस्तक में अकेला इनसान पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कहा गया है. उनके साथ ही इस पुस्तक में बिहार की राजनीति के पुराने इतिहास को बखूबी पेश किया गया है. मौके पर लेखक व पत्रकार श्रीकांत और प्रभात प्रकाशन के एमडी डॉ पीयूष अग्रवाल मौजूद थे. मंच संचालन डॉ ध्रुव कुमार ने किया.

पटना की पुरानी कहानी

पुस्तक के लेखक संकर्षण ठाकुर ने कहा कि पटना आना अच्छा लगता है. पटना मेरा जन्मस्थल है. मैंने सेंट जेवियर्स में ही पढ़ाई भी की है. यह मात्र नीतीश कुमार की जीवनी नहीं है. यह पटना की पुरानी कहानी है. कई आंदोलनों की कहानी है. पटना की राजनीति कितनी बदली-कितनी नहीं बदली है, इन सबके बारे में यह पुस्तक आपको बतायेगी. 1970 से 2012 के बीच दो नायक रहे. लालू प्रसाद व नीतीश कुमार. इन दोनों के संबंध उस दौरान कैसे रहे, इसे भी पुस्तक में लिखा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें