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छह जिलों की एमवीआर अब तक नहीं हुई तैयार

पटना: राज्य में नयी एमवीआर (जमीन रजिस्ट्री की न्यूनतम दर) तैयार करने का कार्य तकरीबन सभी जिलों में हो चुका है, परंतु अब भी छह जिले इसमें पीछे चल रहे हैं. सभी 38 जिलों को 15 अक्तूबर तक इसे तैयार करना था. इसके बाद भी गया, भागलपुर, कटिहार, बांका, अररिया और सीतामढ़ी जिलों की एमवीआर […]

पटना: राज्य में नयी एमवीआर (जमीन रजिस्ट्री की न्यूनतम दर) तैयार करने का कार्य तकरीबन सभी जिलों में हो चुका है, परंतु अब भी छह जिले इसमें पीछे चल रहे हैं.

सभी 38 जिलों को 15 अक्तूबर तक इसे तैयार करना था. इसके बाद भी गया, भागलपुर, कटिहार, बांका, अररिया और सीतामढ़ी जिलों की एमवीआर अब तक तैयार नहीं हो सकी है. सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में जमीन पुनमरूल्यांकन समिति का गठन किया गया है. इन जिलों में डीएम की अध्यक्षता में इसकी अंतिम बैठक नहीं होने से जमीन रजिस्ट्री की नयी दरों का निर्धारण नहीं हो पा रहा है. निबंधन एवं उत्पाद मद्य निषेध विभाग ने सभी संबंधित डीएम को जल्द एमवीआर तैयार कर इसका नोटिफिकेशन भेजने को कहा है.

रजिस्ट्री दर में 40 फीसदी की गिरावट : नयी एमवीआर लागू होने से राज्य के सभी इलाकों में जमीन रजिस्ट्री की दर में तकरीबन 40 फीसदी तक की गिरावट आयी है. नयी एमवीआर की वजह से शहरी व ग्रामीण अंचलों की जमीन की रजिस्ट्री अलग-अलग संबंधित कार्यालयों में होगी. इस नयी व्यवस्था से कई इलाके शहरी क्षेत्र से कट कर ग्रामीण अंचल कार्यालय के अंतर्गत चले गये हैं. इससे कई क्षेत्र के लोगों के सामने समस्या भी खड़ी हो गयी है. स्थिति यह हो गयी है कि शहरी क्षेत्रों से ज्यादा जमीन की रजिस्ट्री अब अंचल निबंधन कार्यालयों में होने लगी है. शहरी कार्यालयों के रजिस्ट्री दस्तावेज घटने लगे हैं, जबकि अंचल कार्यालयों के दस्तावेज बढ़ते जा रहे हैं.

सदर रजिस्ट्री कार्यालयों में भीड़ कम होने लगी है. दरअसल पटना सदर निबंधन कार्यालय में पहले संपतचक और पहाड़ी इलाके की जमीन की भी रजिस्ट्री होती थी, परंतु अब उनको यहां से हटा कर फुलवारीशरीफ अंचल कार्यालय से जोड़ दिया गया है. हालांकि ये क्षेत्र पटना सदर कार्यालय से ज्यादा नजदीक हैं. पटना सदर निबंधन कार्यालय की जद में अब मुख्य रूप से चिड़ियाघर से अशोक राज पथ (सायंस कॉलेज) तक के क्षेत्र ही आते हैं. ऐसी ही स्थिति मुजफ्फरपुर, गया समेत कुछ अन्य बड़े शहरों की भी है. इन शहरों में भी कुछ क्षेत्रों को हटा कर आसपास के अंचल कार्यालयों से जोड़ दिया गया है.

आइ फीस बढ़ कर पांच हजार रुपये

किसी दूसरे अंचल क्षेत्र में पड़नेवाली जमीन की रजिस्ट्री दूसरे अंचल क्षेत्र में कराने पर आइ फीस जमा करनी पड़ती है. इसे 150 रुपये से बढ़ा कर पांच हजार रुपये कर दिया गया है. इतनी अधिक बढ़ोतरी से ग्रामीण क्षेत्रों या कृषि भूमि की रजिस्ट्री कराने में किसानों को काफी परेशानी होगी. मसलन संपतचक की जमीन की रजिस्ट्री फुलवारीशरीफ अंचल निबंधन कार्यालय के स्थान पर पटना सदर कार्यालय में करायी गयी जायेगी, तो इसके लिए पांच हजार रुपये आइ फीस के रूप में देने पड़ेंगे.

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