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गन्ना सिंचाई के लिए दुरुस्त होंगे नलकूप

पटना : गन्ना किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी नहीं होगी. लघु जल संसाधन विभाग ने चीनी क मांड क्षेत्र के तीन प्रमुख जर्जर नल कूपों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य तय कर दिया है. पिछले तीन वर्षो से चीनी कमांड क्षेत्र के तीन जिलों क्रमश : बेतिया,मोतिहारी और बेगूसराय के 189 नलकूपों के जीर्णोद्धार का […]

पटना : गन्ना किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी नहीं होगी. लघु जल संसाधन विभाग ने चीनी क मांड क्षेत्र के तीन प्रमुख जर्जर नल कूपों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य तय कर दिया है. पिछले तीन वर्षो से चीनी कमांड क्षेत्र के तीन जिलों क्रमश : बेतिया,मोतिहारी और बेगूसराय के 189 नलकूपों के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है,लेकिननिधि के अभाव में काम अटका था. विभाग ने इस वर्ष 6.45 करोड़ का अतिरिक्त आवंटन दिया है.
तीन वर्ष पूर्व लघु जल संसाधन विभाग ने चीनी कमांड क्षेत्र के 189 नलकूपों के जीर्णोद्धार के लिए 13.45 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी थी, लेकिन इतनी राशि में 189 नल कूपों के जीर्णोद्धार का काम शत-प्रतिशत पूरा नहीं हो पाया. मार्च,2015 तक सभी जर्जर नल कूपों के जीर्णोद्धार के लिए विभाग ने 6.45 करोड़ की स्वीकृति दी है.
नल कूपों का जीर्णोद्धार कार्य शिथिल न पड़ जाये. इसके लिए विभाग ने संवेदकों को हर माह भौतिक प्रतिवेदन देने को कहा है. यही नहीं, नल कूपों के जीर्णोद्धार कार्य का हर सप्ताह बेतिया, मोतिहारी और बेगूसराय के लघु जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंताओं को भी स्थल निरीक्षण कर मुख्यालय को रिपोर्ट देने को कहा गया है. बेतिया में 12510, मोतिहारी में 91096 और बेगूसराय में 5166 हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है.
नल कूपों के जर्जर होने के कारण तीनों जिलों के किसान पिछले तीन-चार वर्षो से गंभीर सिंचाई संकट ङोल रहे हैं. तीन वर्षो में तीनों जिलों में 32 प्रतिशत जर्जर नल कूप ही दुरुस्त हो पाये हैं. नतीजा यह है कि गन्ना किसानों को प्राइवेट पंप से सिंचाई करानी पड़ रही है. डीजल अनुदान राशि भी किसानों को वक्त पर नहीं मिल रही है.

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