पटना: सूबे के 13 शहरों के 62 लाख लोग फिल्टर पानी पीयेंगे. जलापूर्ति नगर विकास विभाग के माध्यम से की जायेगी, जबकि पानी फिल्टर करने का काम लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग करेगा. इसके लिए सभी जलापूर्ति केंद्रों पर क्लोरिनेटर मशीन लगायी जायेगी. पटना में 40 प्रतिशत जलापूर्ति केंद्रों पर डेड हो चुकी मशीनों को भी बदला जायेगा. शेखपुरा व महनार के दलित-महादलित टोलों की तीन लाख आबादी को भी शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जायेगी.
यहां के लोग अशुद्ध पानी का सेवन किसी भी हाल में न करें, इसके लिए विभाग विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से विशेष जागरूकता अभियान भी चलाया जायेगा. अभियान के तहत पानी शुद्ध करने की तकनीक तो बतायी ही जायेगी, साथ ही उन्हें फिल्टर पेपर भी मुहैया कराया जायेगा. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने 43 वर्ष पूर्व गया में बिछाये गये भूमिगत जलापूर्ति पाइपों को बदलने का भी सुझाव दिया है. गया के जलापूर्ति पाइप जजर्र हो चुके हैं. पाइप लिकेज होने से लोगों के घरों में दूषित पानी पहुंच रहा है.
शेरघाटी के लोगों को शुद्ध पानी पिलाने के लिए 1,500 मीटर तक नया पाइप लाइन बिछाये जाने की योजना को हरी झंडी मिल गयी है. हाजीपुर शहरी क्षेत्र को निर्बाध पानी मिले, इसके लिए सती चौक पर जल मीनार का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है, हालांकि जगह उपलब्ध नहीं होने के कारण इसका निर्माण शुरू नहीं हो सका है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने नगर विकास विभाग को शहरों में दूषित जल की आपूर्ति पर रिपोर्ट भी दी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरों में ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं रहने के कारण लोगों को शुद्ध पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है. ड्रेनेज की गंदगी पाइप लाइन से घरों में पहुंच रही है. पीएचइडी के सुझावों पर नगर विकास विभाग ने अमल करना शुरू किया है. पूर्णिया और भागलपुर में नये ड्रेनेज बनेंगे.