पटना: पहले चरण में एक लाख, 22 हजार प्रारंभिक शिक्षकों को नियोजन पत्र देकर 30 दिनों के बाद दूसरे चरण का वितरण शुरू करना है. पहले चरण के बाद जो पद रिक्त रहेंगे, वहां प्रतीक्षा सूचीवालों को मौका मिलना है. लेकिन, स्थिति यह है कि पहला चरण ही अधूरा है.
राज्य के प्रारंभिक (कक्षा एक से आठ) विद्यालयों के चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की संख्या के मुकाबले आधे नियोजन पत्र ही बंट पाये हैं. मई अंत तक ही एक लाख, 22 हजार प्रारंभिक शिक्षकों को नियोजन पत्र देना था, लेकिन अब तक करीब 65 हजार नियोजन पत्र बंटे हैं.
शिक्षा विभाग ने 29 मई को जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों की बैठक में दस दिनों का समय देते हुए सभी नियोजन पत्र वितरित करने को कहा था. इसके बाद जिलाधिकारियों को भी कहा गया कि नियोजन मामले की समीक्षा करें व आवश्यक कदम उठायें. उक्त तमाम निर्देश भी नियोजन पत्र वितरण के कार्य में तेजी नहीं ला सके. इसका असर यह हुआ कि चयन के बाद भी अभ्यर्थी नियोजन पत्र का इंतजार कर रहे हैं.
माध्यमिक में स्थिति और खराब : माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति और खराब है. 17,500 माध्यमिक शिक्षक अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र देना है, जिनमें अब तक मात्र 6,500 को ही दिया गया. कई जिलों में अभी शुरुआत ही नहीं हुई है.
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, खगड़िया व औरंगाबाद में अभ्यर्थियों की मेधा सूची का अनुमोदन ही जिला पर्षद द्वारा नहीं किया गया. उप शिक्षा निदेशक अजीत कुमार ने बताया कि विभाग सभी जगहों से संपर्क में है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.