पटना : रावणवध के बाद मची भगदड़ और इसमें 33 लोगों की मौत के मामले की जांच कर रही दो सदस्यीय कमेटी को हादसे के पीछे बदइंतजामी और प्रशासनिक चूक की शिकायतें बड़ी संख्या में मिली हैं. गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी और एडीजी (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को पटना समाहरणालय परिसर में खुली सुनवाई की. इसमें पहले दिन 51 लोगों ने हादसे के बारे में जानकारी दी. सभी के बयान न केवल रेकॉर्ड किये गये, बल्कि उनकी वीडियोग्राफी भी करायी गयी.
जनसुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी. हादसे से किसी-न-किसी रूप में प्रभावित, प्रत्यक्षदर्शियों और मृतकों के परिजनों ने जांच टीम को बताया कि रावणवध के दौरान गांधी मैदान में न तो रोशनी की व्यवस्था थी और न ही आम लोगों की सुरक्षा का कोई इंतजाम था. ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों का ध्यान केवल मंच पर बैठे वीआइपी की सुरक्षा में था. घटना प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है.
दशहरे की शाम गांधी मैदान के दक्षिणी गेट पर भगदड़ में 33 की मौत हुई थी. मंगलवार को करीब चार घंटे चली सुनवाई में जिन 51 लोगों के बयान दर्ज किये गये, उनमें सात मृतकों के परिजनों के अलावा एक दर्जन घायल व उनके परिजन भी शामिल हैं. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी कहा कि गांधी मैदान के दक्षिणी छोर पर स्थित मुख्य गेट पर ताला जड़ कर उसकी बगल में बने छोटे गेट से भारी भीड़ को बाहर निकलने का रास्ता दिया गया था. इस गेट की ठीक बगल में छोटे-बड़े कई गड्ढे बने थे, जिनमें फंस कर लोग गिर रहे थे. वीआइपी को गांधी मैदान से सुरक्षित बाहर निकालने के क्रम में पुलिस के जवानों ने मौर्या होटल के पास लाठियां भी बरसायीं.
गृह सचिव आमिर सुबहानी ने संवाददाताओं को बताया कि यह खुली सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी. अगर इस घटना की जानकारी रखनेवाला कोई भी शख्स जांच टीम के समक्ष पेश होकर अपनी बात रखना चाहता है, तो वह सुनवाई के दौरान पेश हो सकता है. उन्होंने कहा कि जांच टीम के समक्ष पेश होनेवाले सभी लोगों के बयान की वीडियोग्राफी करायी गयी है. साथ ही कई लोगों ने अपना बयान लिखित रूप में जांच टीम को सौंपा है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक वे अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपेंगे. मौखिक तौर पर जिन लोगों ने बयान दर्ज कराया है, उन्हें उनका बयान कलमबंद कर उन्हें सुना दिया गया है. गृह सचिव ने कहा कि हम आज कलमबंद किये गये बयानों के साथ लोगों द्वारा दिये गये मौखिक बयानों का अध्ययन करेंगे.
पटना : गांधी मैदान हादसे की जांच कर रही गृह सचिव व एडीजी (मुख्यालय) की टीम अपनी रिपोर्ट शुक्रवार तक सरकार को सौंप देगी. गृह सचिव आमिर सुबहानी ने मंगलवार को कहा कि हम समय पर सरकार को रिपोर्ट सौंप देंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि खुली सुनवाई के दौरान जितने लोग घटना के संबंध में हमें जानकारी देंगे, उन सभी के बयान दर्ज किये जायेंगे. जब तक सभी पक्षों के बयान दर्ज नहीं कर लिये जाते, तब तक खुली सुनवाई जारी रहेगी. मुख्यमंत्री ने जांच टीम को रिपोर्ट देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दोनों अधिकारियों ने जिला प्रशासन के निचले स्तर के पदाधिकारियों से पूछताछ पूरी कर ली है, जबकि हटायी गयी प्रमंडलीय आयुक्त एन विजयलक्ष्मी, डीएम मनीष कुमार वर्मा, डीआइजी अजिताभ कुमार व एसएसपी मनु महाराज से पूछताछ अभी पूरी नहीं हुई है. इन अधिकारियों से किसी भी समय जांच टीम घटना के संबंध में पूछताछ कर सकती है. गृह सचिव ने कहा कि सभी पीड़ित परिवारों और प्रत्यक्षदर्शियों को अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवा कर उन्हें जांच टीम के समक्ष अपनी बात कहने को आमंत्रित किया गया था. उम्मीद है कि बुधवार को यह काम पूरा हो जायेगा. उसके बाद हम अपनी जांच रिपोर्ट शुक्रवार तक सरकार को सौंप देंगे.
मानवाधिकार आयोग ने भेजा नोटिस
बिहार मानवाधिकार आयोग ने गांधी मैदान हादसे को लेकर मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है. आयोग ने मुख्य सचिव से तीन बिंदुओं पर जानकारी मांगी है. इसके लिए आयोग ने 10 दिनों का समय दिया है.