पटना: राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग व राइस मिल की स्थापना के लिए अनुदान राशि में वृद्धि की जायेगी. कृषि औजार निर्माण के लिए नीति बनेगी. कृषि औजार निर्माण इकाई के लिए सरकार आवश्यक सहायता देगी. चंपारण में गन्ना शोध संस्थान की स्थापना की जायेगी. यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कृषि कैबिनेट की आठवीं बैठक में लिया गया.
गन्ना रिकवरी दर में होगी वृद्धि
मुख्य सचिव एके सिन्हा ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण की 2008 की नीति का विस्तार किया जायेगा. इससे किसानों को उत्पादन का अधिक मूल्य मिलेगा. राइस मिल स्थापना की नीति में भी बदलाव होगा. कृषि औजार निर्माण नीति में व्यवस्था होगी कि उद्योग लगानेवालों को अधिक-से-अधिक सहूलियत दी जाये, ताकि किसानों को कम कीमत पर अधिक गुणवत्तावाले कृषि यंत्र उपलब्ध हो सके. गन्ना शोध इंस्टीट्यूट में गन्ना के नये गुणवत्तावाले वेराइटी की खोज होगी. गन्ना का अच्छा बीज मिलेगा. गन्ना की रिकवरी दर में वृद्धि होगी, जिसमें चीनी की मात्र अधिक होगी. 2012-17 के लिए तैयार किये गये कृषि रोड मैप के कार्यक्रमों के कारण राज्य में फसल सहित कृषि से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति हुई है.
खराब मॉनसून के बावजूद वर्ष 2012-13 में 174.06 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ. कृषि रोड मैप के तहत अनाज, फल, सब्जी, दूध, मांस, मछली उत्पादन बढ़ाने के साथ कृषि संबंधी विभिन्न योजनाओं की प्रगति के लिए 66 इंडीकेटर निर्धारित किये गये हैं. 19 इंडीकेटरों में 90 प्रतिशत से अधिक व 30 इंडीकेटरों में 50 प्रतिशत कम उपलब्धि हासिल हो सकी. 2012-13 की रोड मैप की योजना की समीक्षा में पाया गया कि 9434.55 करोड़ रुपये यानी 108.60 प्रतिशत खर्च हुए.
बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री पीके शाही, योजना व विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रमई राम, सूचना व प्रावैधिकी मंत्री शाहिद अली खान, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण श्याम रजक, ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र, ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ भीम सिंह, सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह, उद्योग मंत्री रेणु कुशवाहा, गन्ना उद्योग मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष हरि किशोर सिंह, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार डॉ मंगला राय, विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, एपीसी एके चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश, राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव सी अशोकवर्धन, सचिव हुकूम सिंह मीणा, कृषि सचिव विवेक कुमार सिंह, बीएयू के कुलपति डॉ एमएल चौधरी, आरएयू के कुलपति आरके मित्तल आदि मौजूद थे.