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पांच जिलों में 13 प्राथमिकी
छह दिनों में राज्यभर से करीब 2800 फोन पटना : राज्य में नॉन बैंकिंग कंपनियों की धोखाधड़ी के मामले बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं. अब तक पांच जिलों में 13 कंपनियों के खिलाफ निवेशकों ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. कुछ जिलों में एकाध मामले पहले से भी दर्ज हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई […]
छह दिनों में राज्यभर से करीब 2800 फोन
पटना : राज्य में नॉन बैंकिंग कंपनियों की धोखाधड़ी के मामले बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं. अब तक पांच जिलों में 13 कंपनियों के खिलाफ निवेशकों ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. कुछ जिलों में एकाध मामले पहले से भी दर्ज हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई की रफ्तार बेहद धीमी है.
पुलिस धोखाधड़ी कर भागनेवाले जालसाजों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है. हालांकि, एक-दो स्थानों से इससे जुड़े लोगों की गिरफ्तारी की बात सामने आयी है. हालांकि, तकरीबन सभी मामले में मुख्य सरगना पकड़ से बाहर ही हैं. आर्थिक अपराध इकाई की हेल्पलाइन नंबर पर शिकायतों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. पिछले दो दिनों में करीब 250 फोन आये हैं. इस तरह ‘प्रभात खबर’ की पहल पर 16 सितंबर से शुरू हुई हेल्पलाइन पर छह दिनों में करीब 2800 फोन आ चुके हैं.
कराएं प्राथमिकी : जितनी संख्या में फोन कॉल आ रहे हैं, उतनी संख्या में एफआइआर दर्ज नहीं हो पा रही है. थानों में एनबीसी के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा संख्या में मुकदमा दर्ज कराने की जरूरत है, तभी सरकार इनपर कार्रवाई कर सकती है. मामला दर्ज नहीं कराने की स्थिति में ऐसे लोगों पर ठोस कार्रवाई नहीं हो पायेगी. अगर आप फर्जीवाड़ा करनेवाली एनबीसी या चिट फंड के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, तो मुकदमा दर्ज कराइए.
होगी कार्रवाई : इस मामले में वित्त मंत्री पहले ही भरोसा दिला चुके हैं कि जिन चिट फंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, सरकार उन पर सख्ती से कार्रवाई करेगी. सीवान समेत कुछ एक जिले ऐसे भी हैं, जहां कोई एफआइआर दर्ज नहीं हुई है. जबकि इन जिलों में कई कंपनियां पैसा लेकर भाग चुकी हैं.
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