पटना: आयकर विभाग ने गुरुवार को बिहार-झारखंड की जानी-मानी शराब कंपनी विनो-शिवा लीकर प्राइवेट लिमिटेड के 39 ठिकानों पर छापेमारी की. इनमें पटना में 25 और कोलकाता में छह स्थान शामिल हैं.
हाजीपुर, छपरा, गया, औरंगाबाद, सासाराम, मोहनिया, धनबाद व आसनसोल में भी कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी देर शाम तक चलती रही. अब तक की छानबीन में वैशाली व सासाराम में जमीन का पता चला है. खगौल, आसनसोल व कोलकाता में फैक्टरी व फ्लैट का भी पता चला है. कंपनी के मालिक विनोद सिंह पर करोड़ों की हेराफेरी कर राजस्व चोरी का आरोप है. सालाना 200-250 करोड़ रुपये का टर्नओवर होने के वाबजूद महज 1-1.5 फीसदी मुनाफा दिखाया जाता है.
जबकि, राष्ट्रीय औसत के हिसाब से शराब कारोबार में 10-15 प्रतिशत का मुनाफा होता ही है. इसके अलावा शहर में सात शराब दुकानें वैसे कर्मचारियों के नाम पर ले रखी हैं, जिनकी हैसियत लाखों में भी नहीं है. जबकि, इन दुकानों का टर्न ओवर चार करोड़ सालाना के आसपास है. ये दुकानें शहर के भट्टाचार्या रोड, नाला रोड, एसके पुरी, बोरिंग रोड, पीरमुहानी, मौर्यालोक व कुर्जी मोड़ में स्थित हैं. इनके स्टॉक में भी काफी बड़े पैमाने पर हेराफेरी पायी गयी है. कोलकाता की एक बोगस कंपनी के नाम पर 15 करोड़ का निवेश गलत तरीके से दिखाया गया है. इसके अलावा कई फर्जी या बनावटी दस्तावेज भी मिले हैं. विभाग निदेशक कुमार संजय के अनुसार, इस छापेमारी में विभाग के 175 लोगों के अलावा बीएमपी के जवान लगे थे. शुक्रवार को भी छापेमारी होगी. इसके बाद अवैध संपत्ति का ब्योरा तैयार होगा.
बिहार-झारखंड में कई फैक्टरियां
बिहार व झारखंड में जिन फैक्टरियों के बारे में पता चला है, उनमें सालसन लीकर प्राइवेट लिमिटेड, विनो-शिवा लीकर लिमिटेड, झारखंड लीकर, गुड होस्ट लीकर, जेस्ट लीकर, पैशन वेबहरेज प्राइवेट लिमिटेड, स्वाइसी वेबरेज, सिपरा वेबरेज, एंबीएंट लीकर, सेलीब्रिटी लीकर, बंगाल वाइन प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इसके अलावा विनोद सिंह पटना में एलजी कंपनी का डूराटेक प्राइवेट लिमिटेड स्टॉकिस्ट और बहादुरपुर के पास स्थित अपोलो क्लिनिक के भी मालिक हैं.