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जंकशन पर कुत्तों का आतंक

पटना जंकशन व राजेंद्रनगर टर्मिनल पर इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक है. प्लेटफॉर्म नंबर एक के टिकटघर के निकट इनका जमावड़ा देखा जा सकता है. आये दिन यात्री इनके शिकार होते हैं. ये कुत्ते अब तक कई लोगों को काट चुके हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन ने इन्हें भगाने के लिए आज तक कोई प्रयास […]

पटना जंकशन व राजेंद्रनगर टर्मिनल पर इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक है. प्लेटफॉर्म नंबर एक के टिकटघर के निकट इनका जमावड़ा देखा जा सकता है. आये दिन यात्री इनके शिकार होते हैं.

ये कुत्ते अब तक कई लोगों को काट चुके हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन ने इन्हें भगाने के लिए आज तक कोई प्रयास नहीं किया है. यही नहीं, पटना जंकशन से लेकर राजेंद्रनगर टर्मिनल के बीच ट्रैक पर आये दिन गायें भी विचरण करती रहती हैं. लेकिन, इन जानवरों को पकड़ने पर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है.

पटना: कुत्तों की उपस्थिति सामान्य टिकट काउंटर परिसर से शुरू हो जाती है. ये पंखे के अंदर कोने में पड़े रहते हैं. ये कई बार आपस में भी लड़ने लगते हैं. टिकट घर में आने-जानेवाले यात्रियों के ये रास्ते भी रोकते हैं. लोगों की मानें, तो ये यात्रियों के आसपास ही घूमते रहते हैं और मौका मिलते ही खाने-पीने का सामान झपट कर भाग जाते हैं. कभी-कभी तो यात्री भोजन करने के लिए प्लेटफॉर्म पर बैठते हैं, तो कोई कुत्ता आकर खाना लपक कर भाग जाता है. वेंडर भी इनसे परेशान रहते हैं.

रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल में नहीं इंजेक्शन : अगर रेलवे स्टेशन पर किसी को कुत्ते ने काटा, तो करोड़ों रुपये की लागत से बने करबिगहिया स्थित सेंट्रल रेलवे हॉस्पिटल में इसका इंजेक्शन नहीं है. इस बात की पोल विगत 30 जुलाई को खुली.

दरअसल राजेंद्र नगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स में काम कर रहे तीन रेलकर्मियों को जब कुत्ते ने काटा, तो वे तुरंत रेलवे हॉस्पिटल पहुंचे. लेकिन, हॉस्पिटल में इंजेक्शन नहीं था. इसके कारण उन्हें दानापुर रेल हॉस्पिटल में भरती कराया गया.

अफसरों के दौरे के समय मचती है खलबली : रेल मंडल के सीनियर अधिकारियों के दौरे की खबर लगते ही स्थानीय अधिकारी हरकत में आ जाते हैं. एक दिन पहले ही विशेष अभियान चलाया जाता है. लेकिन जैसे ही अधिकारी वहां से निकलते हैं, समस्या फिर से बन जाती है. इस संबंध में इस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के शाखा मंत्री सुनील कुमार कहते हैं कि यूनियन की ओर से कई बार रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान दिलाया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. वहीं रेलवे के मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक बीके सिंह कहते हैं कि आवारा जानवरों व मवेशियों को पकड़ने के लिए हमलोग समय-समय पर अभियान चलाते रहते हैं. कर्मचारी कुत्ते को पकड़ कर परिसर से बाहर निकालते हैं. अगर रेलवे हमलोगों को इसके लिए कोई यंत्र दे, तो कुत्तों को पकड़ने में काफी आसानी होगी. रही बात उनके आतंक की तो मैं कल ही कर्मचारी भेज कर परिसर से बाहर निकलवाता हूं.

कुत्तों को देख नाराज हुए थे जीएम
पटना जंकशन को ए ग्रेड के मॉडल स्टेशन का दर्जा है. 22 जून को पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक मधुरेश कुमार व जुलाई में फव्वारा का निरीक्षण करने आये डीआरएम एनके गुप्ता जंकशन पर कुत्तों को देख कर काफी नाराज हुए थे और तुरंत हटाने के निर्देश दिये थे. 30 जुलाई को राजेंद्रनगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स में काम कर रहे दो टेक्नीशियनों और एक सफाई कर्मचारी को कुत्ते ने काटा था. मजबूरी में इन लोगों ने अपना काम बंद कर दिया. इसी महीने राज्यरानी एक्सप्रेस से उतरते समय सात साल की एक बच्‍चाी को कुत्ते ने अपना शिकार बनाया था.

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