पटना: राजधानी के पश्चिमी इलाके में रविवार को भीषण बिजली संकट रहा. सात से आठ घंटे तक बिजली कटौती से करीब पांच से छह लाख की आबादी प्रभावित हुई. बिजली के अभाव में लोग न केवल भीषण गरमी से परेशान से रहे, बल्कि पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ा.
पहले खगौल ग्रिड में मेंटेनेंस को लेकर चार घंटे बिजली काटी गयी, मगर उसके बाद ब्रेकडाउन की समस्या ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी. हालांकि, पेसू के अधिकारी आधा-एक घंटे में स्थिति सामान्य होने का दावा करते रहे, लेकिन देर रात ही स्थिति में सुधार हो पाया. पटना सिटी में भी आधा दर्जन से अधिक फीडर के मेंटनेंस कार्य के कारण छह से सात घंटे तक बिजली गुल रही.
बिजली कंपनी ने रविवार को बीएसइबी और खगौल टू फीडर को मेंटेनेंस की वजह से बंद रखने की घोषणा की थी. इस ग्रिड से जुड़े हाइकोर्ट, विद्युत भवन, फुलवारीशरीफ, खगौल डीएस और वाल्मी पावर सब-स्टेशनों को चार से पांच घंटे तक बंद रखा जाना था. मगर अचानक खगौल ग्रिड का मेंटेनेंस करने का निर्णय लिये जाने से इससे जुड़े दूसरे पावर सब-स्टेशनों को भी बंद रखना पड़ा. मेंटेनेंस का कार्य करीब चार से पांच घंटे चला.
इस दौरान बोरिंग रोड, पाटलिपुत्र कॉलोनी, इंद्रपुरी, एसके पुरी, आनंदपुरी, बुद्धा कॉलोनी, बेली रोड, हाइकोर्ट, गार्डिनर रोड, एसके नगर, आर ब्लॉक, वाटर टावर एरिया, फुलवारीशरीफ ग्रामीण, मिन्हास नगर, इमारते शरिया, इशोपुर, बड़ी बदरपुरा, सब्जपुरा, मौर्या विहार, एफसीआइ, खलीलपुरा, आरके नगर, मोती चौक, वाल्मी कॉम्प्लेक्स, एम्स आवासीय, गोरगांवा, नौबतपुर सहित कई इलाके में विद्युत आपूर्ति बाधित रही. मेंटेनेंस कार्य खत्म होने के बाद बोरिंग रोड, पाटलिपुत्र कॉलोनी सहित कई इलाकों में ब्रेकडाउन की समस्या हो गयी. इन इलाकों में दोपहर एक बजे से गायब हुई बिजली देर रात ही वापस लौटी. इस अवधि में कुछ देर के लिए दूसरे फीडरों से बिजली की सप्लाइ हुई. पटना पश्चिम का 50 फीसदी से अधिक इलाका बिजली कटौती से प्रभावित रहा.