पटना : विधानसभा अध्यक्ष के कोर्ट में जदयू के बागी विधायकों की ओर जिरह करते हुए अधिवक्ता शशिभूषण मंगलम ने पार्टी के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार से 50 सवाल पूछे. श्रवण कुमार ने कहा कि हमारा एक ही जवाब है, सवाल चाहे जितने पूछा जायें.
अपनी गलती मान कर माफी मांगनेवालों को क्षमा करने का अधिकार मुख्यमंत्री को है. शुक्रवार की शाम करीब एक घंटे तक अधिवक्ता द्वारा संसदीय कार्य मंत्री से जदयू विधायकों के बचाव में क्रॉस वेरिफिकेशन किया गया. शनिवार को भी इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी. पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता ने सुनवाई के बाद बताया कि श्रवण कुमार ने कुछ का जवाब दिया, कुछ का नहीं. शुक्रवार की सुनवाई के दौरान एक बात सामने आ गयी कि संसदीय कार्य मंत्री ने जो भी काम किया है, वह विधानमंडल दल के नेता के कहने पर किया है.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने उन्हें प्राधिकृत किया था. इसका विधिवत पत्र भी उनको उपलब्ध करा दिया गया है. उन्होंने कहा कि उनका काम है अपने मुवक्किल को आरोप से मुक्त कराना.
यह पूछे जाने पर कि शनिवार को क्या होगा? उन्होंने बताया कि यह बिंदु तो जिरह के दौरान पूछे जानेवाले सवाल से मिले जवाब के दौरान पता चलेगा. इधर बागी विधायक रवींद्र राय ने बताया कि उन लोगों द्वारा लगाया गया आरोप सच साबित हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दवाब पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कार्रवाई का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री आवास, एक अणो मार्ग की बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा था कि विधायकों के प्रति नरमी बरती जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री से जितना भी जवाब मांगा गया सबका निगेटिव जवाब मिला है. संवैधानिक जवाब नहीं मिला है. अगर हम लोगों के खिलाफ फैसला होता है, तो सुप्रीम कोर्ट जायेंगे.