चैंबर के संवाद कार्यक्रम में बोले वाणिज्य कर आयुक्त
पटना : इ-बिजनेस का कारोबार लगातार बढ़ रहा है. बिहार में इ-बिजनेस के तहत आने वाले सामान पर प्रवेश कर लगाने पर विचार किया जा रहा है. दूसरे राज्यों में कुछ सामान पर टैक्स भी लगाया गया है.
इसे इस तरह से लागू किया जायेगा ताकि यह टैक्सेशन सिस्टम के तहत कवर हो सके. इसके पहले अच्छी तरह से स्टडी किया जा रहा है. ये बातें वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त सह सचिव डॉ इएलएसएन बाला प्रसाद ने कहीं. वह बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
आयुक्त ने कहा कि व्यापारियों के रिफंड का मामला है. इसके लिए उद्योग विभाग से 250 करोड़ रुपये मांगा गया है.
जल्द ही व्यापारियों के रिफंड का मामला सुलझ जायेगा. उन्होंने कहा कि विभागीय वेबसाइट में 22 अगस्त से बदलाव आने वाला है. व्यापारी परेशान न हो. इसके लिए सॉफ्टवेयर डेवलप किया जा रहा है. सात या 15 दिनों के अंतराल पर टॉक शो होना चाहिए ताकि सुझाव या आपत्ति की जानकारी मिल सके. चैंबर अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि व्यापारियों को अधिकारी परेशान करते हैं. विभाग में कोई कागज जमा करने पर रिसीविंग नहीं दिया जाता है.
ऑनलाइन काम करने के बाद ट्रेजरी चालान मांगा जाता है. सभी वस्तुओं पर प्रवेश कर लगाने से परेशानी होगी. पूर्व अध्यक्ष ओपी साह ने कहा कि ऑनलाइन खरीदारी से राजस्व घाटा हो रहा है. इन्हें टैक्स नहीं देना पड़ता है. स्थानीय व्यापारियों को भी नुकसान हो रहा है. रामलाल खेतान ने कहा कि रिइंबर्समेंट कई व्यापारियों को नहीं मिला है. इससे छोटे उद्योगों को काम करने में परेशानी हो रही है. मौके पर उपाध्यक्ष शशि मोहन, सुभाष पटवारी, मुकेश जैन व मोतीलाल खेतान उपस्थित थे.