प्रशांत किशोर बिजनेसमैन है, वोट मैनेज नहीं कर सकते : अशोक चौधरी

पटना : दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद अब बिहार पर सभी पार्टियों की नजर है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली जीत के बाद प्रशांत किशोर की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. बिहार की सियासी पार्टियों ने प्रशांत किशोर से किनारा कर लिया है. दिल्ली जीत के बाद बीजेपी प्रशांत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 13, 2020 2:57 PM
पटना : दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद अब बिहार पर सभी पार्टियों की नजर है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली जीत के बाद प्रशांत किशोर की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. बिहार की सियासी पार्टियों ने प्रशांत किशोर से किनारा कर लिया है. दिल्ली जीत के बाद बीजेपी प्रशांत किशोर को भाव नहीं दे रही है. कभी जनता दल यूनाईटेड के रणनीतिकार की भूमिका में रहे प्रशांत किशोर के लिए जेडीयू ही सबसे अधिक जहर उगल रहा है. 2015 में नीतीश का चेहरे को चमकाने में अहम रोल प्रशांत किशोर ने निभायी थी. लेकिन, 2020 के चुनाव के पहले जेडीयू ने उन्हे किनारा कर दिया
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जनता दल यूनाईटेड कोटे से भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर पर हमला बोला. अशोक चौधरी ने कहा है कि पीके (प्रशांत किशोर) कुछ नहीं है. लोकतंत्र में नेता का चेहरा होता है. नीतीश कुमार ने जिस तरीके से काम किया, उसी पर 2015 में वोट मिला था. लोगों ने नीतीश कुमार को वोट दिया था. इसमें प्रशांत किशोर की भूमिका कुछ नहीं थी. उन्होंने कहा कि दिल्ली का चुनाव छह महीने पहले से तय हो गया था कि वहां आप की सरकार बनेगी. दिल्ली की जनता का क्या मूड था, वह सभी जानते थे. अरविंद केजरीवाल ने जो काम किया, उसी पर दिल्ली की जनता ने वोट किया. प्रशांत किशोर का इसमे कोई भूमिका नहीं है. पीके एक कंपनी चलानेवाला बिजनेसमैन है. वोट मैनेज नहीं कर सकते. वह जीतनेवाले के साथ रहते हैं. उन्होंने ने कहा कि 2020 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को वोट मिलेगा. पीके कोई तोप नहीं है.
इधर, बीजेपी नेता नवल किशोर यादव ने एक कहावत कहते हुए प्रशांत किशोर की हैसियत बता दी. उन्होंने कहा कि ”लोढ़ा-सिलौटी करे बढ़ई, हम ही हैं तलवार के भाई…” मतलब साफ है कि इस बयान से प्रशांत किशोर पूरे तौर पर अलग-थलग पड़ गये है. नवल किशोर ने कहा कि प्रशांत किशोर क्या हैं. यह वहीं जाते हैं, जहां कोई जीतनेवाला होता है. नवल किशोर यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में क्या हुआ. यूपी की विधानसभा चुनाव में वो कांग्रेस का चेहरा चमकाने गये थे. कांग्रेस का क्या हाल हुआ. जेडीयू के साथ प्रशांत किशोर थे, इसलिए इनकी जान बची हुई थी.

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