बिहारशरीफ : सीएम ने पद्मावती की सुध लेने मंत्री व सांसद को भेजा हरिद्वार

पटना/बिहारशरीफ : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा की अविरलता के लिए आमरण अनशन पर बैठी बिहार की बेटी साध्वी पद्मावती की सुध ली है. उन्होंने अनशन की जानकारी के बाद जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा और नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार को हरिद्वार भेजा है.वे दाेनों गुरुवार को अनशन के 40वें दिन साध्वी पद्मावती […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2020 8:48 AM
पटना/बिहारशरीफ : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा की अविरलता के लिए आमरण अनशन पर बैठी बिहार की बेटी साध्वी पद्मावती की सुध ली है. उन्होंने अनशन की जानकारी के बाद जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा और नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार को हरिद्वार भेजा है.वे दाेनों गुरुवार को अनशन के 40वें दिन साध्वी पद्मावती से मिलेंगे. वह मुख्यमंत्री का संदेश भी बंद लिफाफे में अपने साथ ले गये हैं.
मुलाकात के दौरान वे यह पत्र साध्वी पद्मावती को सौंपेंगे. इस संबंध में जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने 19 जनवरी को मानव शृंखला के दिन मुख्यमंत्री को इस संबंध में जानकारी दी थी. बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखकर गंगा की अविरलता और अनशन पर बैठी साध्वी पद्मावती की जान बचाने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री की जल-जीवन-हरियाली को लेकर की गयी पहल का स्वागत किया है. साथ ही
उन्होंने इसके लिए आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार ने हमेशा गंगा की अविरलता के लिए आवाज बुलंद की है. गंगा के लिए पहला बलिदान बिहार के बेटे स्वामी निगमानंद ने ही दिया था. केंद्र सरकार को गंगा के बारे में दिये गये लिखित आश्वासन को जल्द पूरा कर देना चाहिए.
गौरतलब है कि हरिद्वार में मातृ सदन की अनुयायी साध्वी पद्मावती गंगा रक्षा के लिए एक्ट बनाने की मांग को लेकर 15 दिसंबर, 2019 से अनशन पर बैठी हैं. उन्होंने उत्तराखंड में प्रस्तावित चार जल विद्युत परियोजनाओं को तुरंत निरस्त करने की भी मांग की है. उनका कहना है कि बार-बार वादा करने के बाद भी गंगा में समुचित जल नहीं छोड़ा जा रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातृ सदन के पत्र पर जून के महीने में तुरंत कार्रवाई की थी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मातृ सदन की सभी मांगों को मान लेने की बात दिल्ली में एक प्रतिनिधिमंडल से कही थी. मालूम हो नीतीश कुमार गंगा की अविरलता के लिए फरक्का बांध को तोड़ने की मांग कर चुके हैं.

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