स्कूलों में दिव्यांगों को सुविधा नहीं, तो लाइसेंस होगा रद्द

पटना : राज्य के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में दिव्यांगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं हुई, तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिये जायेंगे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य नि:शक्तता आयुक्त ने सभी स्कूलों को 31 दिसंबर तक इस आशय का प्रमाणपत्र देने को कहा है. कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 25, 2019 8:36 AM

पटना : राज्य के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में दिव्यांगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं हुई, तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिये जायेंगे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य नि:शक्तता आयुक्त ने सभी स्कूलों को 31 दिसंबर तक इस आशय का प्रमाणपत्र देने को कहा है. कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वह अपने राज्य के सरकारी व निजी स्कूलों से इस संबंध में शपथपत्र लें कि उनके यहां दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धाराओं का पालन हो रहा हैं.

इस निर्देश के बाद राज्य आयुक्त नि:शक्तता दिव्यांगजन का कार्यालय की ओर से राज्य के डीइओ को पत्र लिखकर 31 दिसंबर तक शपथपत्र जमा करने का निर्देश दिया है. बिहार सहित अन्य राज्यों में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के मामले चल रहे है. इस दायर मामलों के संबंध में राज्य सरकार एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से सुप्रीम काेर्ट में प्रतिवेदन जमा करना है. साथ ही, इस राज्य सरकार को प्रस्तुत की जाने वाली वार्षिक रिपोर्ट में भी जोड़ा जायेगा, ताकि सरकार के पास भी अधिनियम संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध रहे.

इस संबंध में शपथपत्र
  • दिव्यांगजनों के साथ नामांकन में भेदभाव नहीं किया जाना.
  • विशेष शिक्षकों की नियुक्ति, पाठ्य पुस्तकों एवं शिक्षण सामग्री की उपलब्धता.
  • नियोजन में दिव्यांगजनों को समान अवसर प्रदान करना.
  • दिव्यांगजनों को खेलकूद गतिविधियों में समान अवसर देना.
  • संदर्भित दिव्यांग बालकों को नि:शुल्क शिक्षा.
  • परिवहन साधनों तक दिव्यांगजनों के लिये पहुंच पथ बनाना.
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सभी सरकारी व निजी स्कूलों से 31 दिसंबर तक शपथपत्र मांगा गया है.
डॉ शिवाजी कुमार, राज्य आयुक्त नि:शक्तता

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