पटना: ग्रामीण सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की मिल रही शिकायतों को देखते हुए ग्रामीण कार्य विभाग ने नमूना जांच के नियम में बदलाव किया है. विभाग ने कार्यपालक अभियंताओं के साथ गुणवत्ता प्रबंधन के अभियंताओं के लिए नया टास्क दिया गया है. नये नियम के तहत अब कम-से-कम 40 नमूने गुणवत्ता प्रबंधन शाखा को भेजे जायेंगे.
इसका अनुपालन हर हाल में अभियंताओं को करना होगा. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना व राज्य योजना से फिलहाल 20 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण चल रहा है. इन सड़कों में जब भी गुणवत्ता की शिकायत आती है, गुणवत्ता प्रबंधन शाखा पर्याप्त नमूना नहीं मिलने की बात करता है.
वहीं, कार्यपालक अभियंता पूरी जिम्मेवारी गुणवत्ता प्रबंधन शाखा को थोप दिया करते हैं. दोनों की आपसी खींचतान का असर सड़क की गुणवत्ता पर पड़ता है. इसी खींचतान को खत्म करने के लिए विभाग ने नया आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि कार्यपालक अभियंता सड़क निर्माण के दौरान कम-से-कम 40 नमूने हर हाल में क्षेत्रीय प्रयोगशाला को देना सुनिश्चित करेंगे. इससे गुणवत्ता प्रबंधन शाखा की वह शिकायत दूर होगी, जिसमें कहा जाता है कि जांच के लिए पर्याप्त मात्र में नमूना नहीं मिला.
दूसरी ओर, कार्यपालक अभियंताओं से मिले नमूने के बाद गुणवत्ता प्रबंधन शाखा को तय अवधि में इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजनी होगी. बिहार में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का भुगतान मुख्यालय को रिपोर्ट भेजे बिना ही अभियंता ठेकेदारों को कर चुके हैं. विभाग के इस नये आदेश से गुणवत्ता में सुधार होने के साथ मुख्यालय को तय अवधि में रिपोर्ट भी मिल जायेगी.