पटना : 82 हजार एचआइवी संक्रमित मरीजों में 30 हजार डेटाबेस से हुए गायब

पटना : राज्यभर में लगभग 82 हजार एचआइवी संक्रमित मरीज है. इनमें से 30 हजार मरीजों का डेटाबेस एड्स कंट्रोल सोसाइटी के पास नहीं है. इससे यह अंदाज नहीं लग पा रहा कि इतनी संख्या में मरीज जिंदा भी हैं या उनकी मृत्यु हो गयी है. राज्यभर में नियमित दवा लेने वाले मात्र 52 हजार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 19, 2019 9:37 AM
पटना : राज्यभर में लगभग 82 हजार एचआइवी संक्रमित मरीज है. इनमें से 30 हजार मरीजों का डेटाबेस एड्स कंट्रोल सोसाइटी के पास नहीं है. इससे यह अंदाज नहीं लग पा रहा कि इतनी संख्या में मरीज जिंदा भी हैं या उनकी मृत्यु हो गयी है. राज्यभर में नियमित दवा लेने वाले मात्र 52 हजार है.
फस्ट लाइन के पुरुष और महिला मिलाकर 51 हजार 600, सेकेंड लाइन 365 व थर्ड लाइन के 35 संक्रमित मरीज है, जो नियमित सेंटरों से दवा लेते है, लेकिन 15 दिनों से इन सभी में ऐसे बहुत से पीड़ित है. जिनको दवा नहीं मिल रहा है और यह प्राइवेट या बाहर अन्य राज्यों में जाकर खरीद रहे है. बिहार में 18 एआरटी सेंटर है. इनमें कई एआरटी सेंटर भी है, जिसमें चिकित्सक, जांच और काउंसेलिंग नहीं होती है. आरा के एआरटी सेंटर चिकित्सक नहीं है. यहां के मरीज को पटना या अन्य सेंटरों में जाना पड़ता है.
थर्ड लाइनर को नहीं मिलेगा पेंशन योजना का लाभ : राज्य सरकार में थर्ड लाइन के 35 से अधिक मरीज है, जो दवा के लिए दूसरे राज्यों में जाते है. इन सभी को सरकार की ओर से शताब्दी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पायेगा.
एचआइवी पीड़ितों के लिये कई दवाइयां कई दिनों से खत्म है. एनआरटी सेंटर पर चिकित्सक नहीं है और सबसे बड़ी बात थर्ड लाइनर के लिये राज्यभर में दवा नहीं है. वहीं, 30 हजार मरीज ट्रेसलेस है. यह जीवित है या नहीं. कहना मुश्किल है.ज्ञान रंजन, अध्यक्ष, पटना नेटवर्क फोर पीपुल लिविंग विथ एचआइवी एड्स सोसाइटी.
दो टैबलेट नहीं था. एक आ गया है और एक दो दिनों के भीतर आ जायेगा. 83 हजार पॉजिटिव मरीज मिले है, लेकिन 55 हजार दवा ले रहे है. बाकी पॉजिटिव मरीजों में कुछ बाहर हैं और कुछ सीडी फोर जांच में पॉजिटिव नहीं मिलने पर दूसरे विभाग में ट्रांसफर हो गये हैं.
डॉ बी. वासुकीनाथ गुप्ता, संयुक्त निदेशक, एड्स कंट्रोल सोसाइटी.

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