पटना सिटी: धूल, धुआं व ध्वनि प्रदूषण के बीच लोग घुटन महसूस करने लगे हैं पर, उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. शहर के मुख्य मार्ग अशोक राजपथ व सुदर्शन पथ के पास रहनेवालों के लिए ट्रैफिक जाम मुसीबत का सबब बन गया है.
इससे उन्हें धूल, धुआं व ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ता है. जाम से निबटने के लिए तैनात पुलिसकर्मी अपने को जाम के आगे असहाय महसूस करते हैं. जाम के कारण जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है वहीं, लोगों को बीमारी भी हो रही है. लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि उन्हें इस प्रदूषण से कब छुटकारा मिलेगा.
शहर के मुख्य मार्ग अशोक राजपथ व सुदर्शन पथ हर दिन लगनेवाले जाम का स्कूली बच्चों को सामना करना पड़ता है. जाम में फंसे बच्चों को वाहनों के धुएं व तेज आवाज से भी दो चार होना पड़ता है, क्योंकि महज आधा किलोमीटर का रास्ता तय करने में एक घंटा तक लग जाता है. हालांकि, अभी स्कूलों में गरमी की छुट्टी होने से बच्चे राहत की सांस ले रहे हैं. वैसे कुछ स्कूल अब भी खुले हुए हैं.
फैल रही है बीमारी
छोटे-बड़े वाहनों के बीच धूल, धुआं व तेज हॉर्न के कारण जाम में फंसे लोगों की जान हर दिन मुसीबत में रहती है. चिकित्सकों की मानें, तो गाड़ियों की तेज आवाज के कारण सड़क के किनारे रहनेवालों में सुनने की क्षमता कम हो रही है. इसके साथ ही अन्य तरह की भी बीमारी फैल रही है.
क्या है नियम
मोटर वाहन अधिनियम मे जुर्माने का प्रावधान है. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का कहना है कि सड़क पर वाहन की पार्किग करनेवालों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम 177 के तहत धारा 122 व 127 में कार्रवाई की जा सकती है. इसके तहत प्रथम अपराध में 100 रुपये व द्वितीय के बाद निरंतर अपराध करने की स्थिति में 300 रुपये जुर्माने का प्रावधान है. इतना ही नहीं व्यवस्थित ढंग से वाहन खड़ा नहीं करने पर भी 100 रुपये जुर्माने का प्रावधान है.