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वायु गुणवत्ता में लखनऊ और पटना की स्थिति दिल्ली से भी बदतर, जानिए देश के बाकी शहरों का हाल

नयी दिल्ली : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी किए गये 24 घंटों के आंकड़े के मुताबिक हरियाणा के फतेहाबाद की वायु गुणवत्ता देश में सबसे खराब रही. वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और बिहार की राजधानी पटना की स्थिति दिल्ली से भी बदतर रही. यह खुलासा शनिवार शाम को समाप्त […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी किए गये 24 घंटों के आंकड़े के मुताबिक हरियाणा के फतेहाबाद की वायु गुणवत्ता देश में सबसे खराब रही. वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और बिहार की राजधानी पटना की स्थिति दिल्ली से भी बदतर रही. यह खुलासा शनिवार शाम को समाप्त गत 24 घंटों के आधार पर तैयार आधिकारिक आंकड़ों से हुआ है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से शनिवार शाम चार बजे गत 24 घंटे के आधार पर जारी बुलेटिन के मुताबिक देश के 13 ऐसे शहर हैं जहां की औसत वायु गुणवत्ता 400 के पार है जो ‘ गंभीर’ श्रेणी में आता है.
इन शहरों में सबसे अधिक सात शहर उत्तर प्रदेश के, पांच हरियाणा के और एक बिहार का है. बुलेटिन के अनुसार इस अवधि में दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 399 रहा जबकि फतेहाबाद में यह 493 दर्ज किया गया. पटना और लखनऊ में भी औसत वायु गुणवत्ता क्रमश: 428 और 422 दर्ज की गयी. दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में शुकवार को इस मौसम में सबसे खराब वायु गुणवत्ता रही जिसकी वजह से प्रशासन को जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी लेकिन शनिवार को हवा की गति बढ़ने से वायु गुणवत्ता सूचकांक में आंशिक सुधार देखा गया.
सीपीसीबी बुलेटिन के मुताबिक 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से 400 के बीच रहा जो ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है. इनमें 11 शहर हरियाणा और तीन उत्तर प्रदेश के हैं. दो शहर पंजाब के और एक-एक शहर बिहार एवं मध्यप्रदेश के हैं. सीपीसीबी के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में होने से लोगों की सेहत प्रभावित होती है और मरीजों पर इसका गंभीर असर होता है. वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘ बहुत खराब’ होने पर सांस संबंधी समस्या हो सकती है.
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे अधिक 453 दर्ज किया गया. बुलंदशहर में 446, हापुड़ में 444, ग्रेटर नोएडा में 438, बागपत में 435, नोएडा में 432, लखनऊ में 422, कानपुर में 379, मेरठ में 371 और वाराणसी में 328 औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया. हरियाणा के फतेहाबाद में सबसे खराब स्थिति रही और यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 493 रहा. हिसार में 490, जींद में 459, कैथल में 408, फरीदाबाद में 404, बल्लभगढ़ में 395, पानीपत में 389, कुरुक्षेत्र में 381, भिवानी में 378, अंबाला में 376, पलवल में 369, रोहतक में 367, गुरुग्राम में 364, करनाल में 361, यमुनानगर में 345, मंडीखेड़ा में 324 और मानेसर में 316 औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया. बिहार में पटना की स्थिति सबसे खराब रही, यहां औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 428 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है.
दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर रहा जहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 382 के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी है. सीपीसीबी के मुताबिक पंजाब में सबसे खराब स्थिति बठिंडा की रही जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 308 दर्ज किया गया. वहीं लुधियाना में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 दर्ज किया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. मध्यप्रदेश में सिंगरौली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 384 के साथ रहा. यह प्रदेश का एकमात्र शहर है जहां पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही.

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