जलजमाव की तकनीकी विजलेंस टीमें करें जांच, लगे राष्ट्रपति शासन

पटना : राज्य के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह और सांसद अरुण कुमार ने बिहार सरकार को बाढ़-सुखाड़, पटना में जलजमाव और कानून-व्यवस्था सहित सभी मुद्दों पर असफल बताया है और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. साथ ही जलजमाव के कारणों की जांच राज्य के तकनीकी विजिलेंस टीम से कराने की मांग की. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 17, 2019 1:15 AM

पटना : राज्य के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह और सांसद अरुण कुमार ने बिहार सरकार को बाढ़-सुखाड़, पटना में जलजमाव और कानून-व्यवस्था सहित सभी मुद्दों पर असफल बताया है और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. साथ ही जलजमाव के कारणों की जांच राज्य के तकनीकी विजिलेंस टीम से कराने की मांग की. बुधवार को पटना में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पटना में नाला उड़ाही के नाम पर हजारों करोड़ रुपये खर्च हुए, इसके बावजूद यहां के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी.

उन्होंने बाढ़ पीड़ित किसानों को प्रति हेक्टेयर 25 हजार और जलजमाव पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि बुडको के अधिकारी व कर्मचारी किसी-न-किसी नेता या अधिकारी के रिश्तेदार हैं. उन्होंने कहा कि जलजमाव की जांच के लिए गठित कमेटी के चेयरमैन पर कई तरह के पहले से आरोप हैं. इसके बावजूद उन्हें कमेटी में शामिल किया गया.
इसमें शामिल ऊर्जा व आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा को ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी बताया. साथ ही कहा कि इस कमेटी में काम करने की वजह से उनके करियर पर दाग लगने की आशंका है. ऐसे में उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए.

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