जीपीओ घोटाला : पंद्रह दिन बाद डाक विभाग ने तोड़ी चुप्पी, सीबीआइ करेगी घोटाले की जांच

चीफ पोस्टमास्टर ने कहा- गहन जांच पड़ताल के बाद लिया निर्णय पटना : पटना जीपीओ में हुए करोड़ों रुपये के घोटाला मामले में लगभग 15 दिनों बाद डाक विभाग बिहार सर्किल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल एमइ हक ने रविवार को चुप्पी तोड़ी. विभाग के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे हक ने प्रभात खबर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 19, 2019 8:23 AM
चीफ पोस्टमास्टर ने कहा- गहन जांच पड़ताल के बाद लिया निर्णय
पटना : पटना जीपीओ में हुए करोड़ों रुपये के घोटाला मामले में लगभग 15 दिनों बाद डाक विभाग बिहार सर्किल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल एमइ हक ने रविवार को चुप्पी तोड़ी. विभाग के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे हक ने प्रभात खबर से बातचीत में स्वीकार किया कि यह बहुत बड़ा घोटाला है.
इसकी जांच सीबीआइ करेगी. जांच से संबंधित सारे महत्वपूर्ण दस्तावेज सीबीआइ को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि सीबीआइ को घोटाले की जांच सौंपे जाने से पहले घोटाले में शामिल कर्मचारियों, अधिकारियों और घोटाले की राशि और तरीकों पर गहन जांच पड़ताल की गयी. उसके बाद इस घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि घोटाले में शामिल पांच कर्मचारियों व अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है. घोटाले में जो भी शामिल होगा, वह नहीं बचेगा. चाहे वह पटना जीपीओ का बड़ा अधिकारी ही क्यों न हो?
घोटाले में शामिल अधिकारियों-कर्मियों पर एफआइआर के सवाल पर उन्होंने कहा कि मामला बड़ा होने के कारण जांच सीबीआइ काे सौंपना था.
इसलिए कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं कराया गया. ज्ञात हो कि प्रभात खबर ने कुछ दिन पहले ही घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने की जानकारी अपने पाठकों को दे दी थी. प्रभात खबर ने ही इस घोटाले को प्रमुखता के साथ उजागर किया है.
घोटाले की खबर प्रकाशित होने के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने खबर का संज्ञान लिया और चीफ पोस्टमास्टर जनरल एमइ हक से इस संबंध में जानकारी ली थी. अपने पटना प्रवास के दौरान भी केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि घोटाले पर उनके मंत्रालय की नजर है. इसमें शामिल बड़े से लेकर छोटे अधिकारी-कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. केंद्रीय मंत्री के बयान के बाद डाक विभाग ने घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने को लेकर मंथन चला. और अंतत: डाक विभाग ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने का फैसला लिया.

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