वर्षा जल संचयन का प्रबंध करने वालों को प्रोपर्टी टैक्स में छूट : उपमुख्यमंत्री

पटना : वनमहोत्सव के दौरान डीआरएम आॅफिस, दानापुर के परिसर में पौधारोपण करने के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि निजी मकानों में वर्षा जल संचयन का प्रबंध करने वालों को पटना नगर निगम प्रोपर्टी टैक्स में 5 प्रतिशत की छूट देगा. राज्य सरकार ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 13, 2019 5:24 PM

पटना : वनमहोत्सव के दौरान डीआरएम आॅफिस, दानापुर के परिसर में पौधारोपण करने के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि निजी मकानों में वर्षा जल संचयन का प्रबंध करने वालों को पटना नगर निगम प्रोपर्टी टैक्स में 5 प्रतिशत की छूट देगा. राज्य सरकार ने स्कूल, अस्पताल व सरकारी भवनों पर वर्षा जल संचयन कर उसे पाइप के जरिये जमीन के नीचे पहुंचा कर भूजल के स्तर को बनाये रखने का निर्णय लिया है. राज्य के सभी जल स्रोतों के सर्वेक्षण के बाद अभियान चला कर उनका उद्धार किया जायेगा.

सुशील मोदी ने कहा कि दुनिया में जितना पानी है उसका 97 प्रतिशत हिस्सा खारा है जिसका पीने से लेकर कृषि कार्य तक में कोई उपयोग नहीं है. मात्र 3 प्रतिशत पानी उपयोग लायक है उसमें भी पीने योग्य मात्र 0.3 प्रतिशत ही पानी है. कई स्थानों पर वह भी आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन की अधिकता की वजह से प्रदूषित है. ऐसे में वर्षा के जल का संरक्षण व संचयन आवश्यक है. आज सभी को एक-एक बूंद पानी बचाने का संकल्प लेना होगा.

उन्होंने कहा कि पूरी पृथ्वी तवे की तरह तप रही है. बढ़ते तापमान से पूरी दुनिया परेशान है. इस साल की गर्मियों में फ्रांस का तापमान 45-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. बिहार के दरभंगा में टैंकर से पानी पहुंचाना पड़ा. पंजाब में भूजल 450 फिट नीचे चला गया है. जलवायु परिवर्तन से सभी त्रस्त है. जिन इलाकों में पहले कभी बाढ़ नहीं आती थी, वहां बाढ़ आ रही है. असामान्य और कम समय में ज्यादा बारिश की वजह से कई तरह की परेशानियां पैदा हो रही हैं.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पानी बचाना है तो पौधा लगाना और बचाना होगा. जहां खाली जमीन नहीं हो वहां घरों की छतों पर, गमले में पौधे लगाएं. पेड़ों को राखी बांध कर उसकी रक्षा का संकल्प लें. पानी और पेड़ रहेगा, तभी इस धरती पर जीवन रहेगा. यह सृष्टि केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं बल्कि सभी जीव-जंतुओं के लिए है.

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